छत्तीसगढ़

अरब देशों में हैं PFI की जड़ें, हज के नाम पर भारत भेजी जाती थी मोटी रकम

नईदिल्ली I ED और NIA के ऑपरेशन ऑक्टोपस में कई और अहम खुलासे हुए हैं. ऑपरेशन ऑक्टोपस हिंदुस्तान में तो सफल रहा लेकिन विदेशों में मौजूद PFI की जड़ें काटना बेहद मुश्किल है. विदेशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर PFI का एजेंडा उससे जुड़े तमाम संगठन अभी भी चला रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक दावत-ए-इस्लामिया भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगे बैन को भुनाने में लगा है, ताकि हिन्दुतान में मौजूद उसके PFI केडर का फायदा उठा सके. PFI और दावत-ए-इस्लामिया दोनों का मकसद हिंदुस्तान में कट्टरपंथ को बढ़ावा देना है.

विदेशों में पीएफआई कैसे काम कर रहा है? इसको समझना भी बेहद जरूरी है. विदेशों से पैसा NRI एकाउंट में भेजा जाता था. जांच में खुलासा हुआ है कि PFI को विदेशों से मोटी रकम मिल रही है. ED ने जांच में पाया कि विदेशों में मौजूद पीएफआई मेंबर भारत में अपने NRI एकाउंट में पैसा ट्रांसफर करते हैं. इसके बाद इन एकाउंट से पैसे पॉपुलर फ्रंट लीडर्स के एकाउंट में भेजे जाते हैं. जोकि सीधे तौर पर FFRA यानी फॉरेन फंडिंग रेगुलेशन लॉ का उल्लंघन है.

PFI लीडर्स अक्सर UAE के दौरे पर जाते थे

एनआईए ने ऑपरेशन ऑक्टोपस में खुलासा किया कि चार संगठन के लीडर जमात-ए-इस्लामी, PFI (केरला), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया और नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) अक्सर यूएई के दौरे पर जाते हैं. दरअसल एमिरेट्स इंडियन फर्टेर्निटी फोरम और इंडियन कल्चरल सोसाइटी दुबई में PFI का मुखोटा है.

PFI को रियल एस्टेट-मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये फंडिंग

PFI को पिछले कुछ सालों से लगातार हवाला के जरिये मोटी रकम हासिल हो रही है. PFI से जुड़े लोग रियल एस्टेट में मोटी रकम इन्वेस्ट कर रहे हैं. PFI से जुड़ा एक बिल्डर जोकि केरल के चवकडु जिले से संबंधित है. ये बिल्डर अबू धाबी में रियल एस्टेट में मोटी रकम बना रहा है. साथ ही PFI के ज्यादातर कार्यकता टूर ट्रेवल कंपनी चलाते हैं जिनका केरल में बड़ा नेटवर्क है.

हज के नाम पर मोटी रकम हिंदुस्तान भेजी जाती है

हज के नाम पर सऊदी अरब से PFI, ISF और IFF की तरफ से भारत मे मोटी रकम भेजी जाती है. इससे संगठन आर्थिक रूप से काफी मजबूत हो चुका है. ये पैसा हवाला और गोल्ड तस्करों के जरिये हिंदुस्तान पहुंच रहा है. PFI ई-वॉलेट के जरिये कानूनी मदद और समुदाय सेवा के नाम पैसा ट्रांसफर करता है.

PFI का ओमान कनेक्शन

ओमान में सोशल फोरम के नाम से संगठन PFI, ISF और IFF के साथ मिलकर काम कर रहा है. PFI की शाखा NDF ओमान में पूरी तरह से एक्टिव है. इसने हवाला के जरिये पीएफआई को 44 लाख रुपये हिन्दुतान भेजे हैं. ओमान में फण्ड इक्क्ठा करने का जिम्मा अशरफ चैककीनकथ पुईल के जिम्मे है. PFI को ये पैसा रिहैब इंडिया फाउंडेशन के जरिये भेजा जाता है. खुलासा ये भी हुआ है कि भारतीय छात्रों की बदौलत PFI की जड़े तुर्की में भी काफी मजबूत हैं. PFI ने नौशाद नाम के एक छात्र को टर्की की एक यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने के लिए भेजा है, जोकि वहां संगठन के लिए फण्ड रेसिंग का काम करता है.

कुवैत में भी PFI की जड़ें

कुवैत में भी PFI काफी मजबूत हैं. वहां PFI का मुखोटा है KISF यानी दी कुवैत इंडियन सोशल फोरम. ये संगठन वहां सालाना मेंबरशिप के नाम पर लोगों से पैसा वसूल करता है ताकि विशेष समुदाय की मदद कर सके. इस संगठन के टारगेट पर वहां के रईस कारोबारी और कर्मचारी होते हैं, जिन्हें ये बाबरी मस्जिद विध्वंस और हिंसा के वीडियो दिखाकर कट्टर बनाते हैं.

PFI का सीरिया में ISIS कनेक्शन

PFI ओमान में CF यानी कल्चरल फोरम के नाम से संगठन चलाता है. इस संगठन से वहां बड़े पैमाने पर मलयाली समुदाय जुड़ा हुआ है. ये संगठन ISIS बड़ा पैरोकार है. इस संगठन का सदस्य मुहम्मद फहीमी सीरिया में ISIS को धन वहां मुहैया करवाता है. वहां से आया पैसा संगठन PFI को मजबूत बनाने में लगाता है.