छत्तीसगढ़

ये कैसी यारी? हमें 833 दिन वेटिंग तो चीन को 2 और पाकिस्तान को 1 दिन में वीजा दे रहा अमेरिका

नईदिल्ली I भारत से अमेरिका जाने वालों को वीजा के लिए 2 साल तक का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और इससे उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. भारतीय लोगों की नाराजगी और शिकायत के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कल बुधवार को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के समक्ष भारत से अमेरिकी वीजा आवेदनों के काफी संख्या में लंबित होने का मुद्दा उठाया. अमेरिका ने इसके लिए कोरोना महामारी को बड़ी वजह बताया जबकि उनकी वेबसाइट यह बता रहा है कि बीजिंग के लिए वीजा आवेदन को 2 दिन में निपटा दिया जा रहा है जबकि दिल्ली से आए आवेदन को 848 दिन लगते हैं.

अमेरिकी विदेश विभाग की वेबसाइट से यह पता चलता है कि दिल्ली से आए वीजा आवेदन के लिए 833 दिनों का तो मुंबई से 848 दिनों की अपॉइंटमेंट वेटिंग टाइम है. जबकि इसके उलट चीन की राजधानी बीजिंग के लिए वेटिंग टाइम महज 2 दिन का है तो पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से आए आवेदन के लिए वेटिंग टाइम 450 दिन है.

इस्लामाबाद से स्टूडेंट वीजा के लिए 1 दिन की वेटिंग

जबकि स्टूडेंट वीजा के लिए, दिल्ली और मुंबई से वेटिंग टाइम 430 दिन है तो राजधानी में विजिटर वीजा के लिए 833 दिन जबकि अन्य वीजा के लिए 390 दिनों का वेटिंग टाइम है. इसी तरह मुंबई में विजिटर वीजा के लिए 848 दिनों तो अन्य वीजा के लिए 392 दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है.

हैरानी की बात यह है कि यह स्टूडेंट वीजा के लिए इस्लामाबाद के लिए महज एक दिन की वेटिंग टाइम है, जबकि बीजिंग के लिए दो दिन. विजिटर वीजा के लिए इस्लामाबाद से आए आवेदन का वेटिंग टाइम 450 दिन का है. तो वहीं बीजिंग के लिए विजिटर वीजा हो या स्टूडेंट वीजा दोनों के लिए वेटिंग टाइम 2 दिन का ही है.

इससे पहले भारतीय लोगों की समस्या के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कल अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ भारत से वीजा आवेदनों के बैकलॉग को उठाया था. हालांकि इस मसले पर शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि वह इस मामले के प्रति संवेदनशील हैं और इसे सुलझाने के लिए उनके पास योजना है. एंटनी ब्लिंकन ने भारतीय नागरिकों के वीजा आवेदनों के लंबित होने के लिए कोविड-19 महामारी को जिम्मेदार ठहराया.

कोरोना की वजह से हुई देरीः अमेरिका

अमेरिका द्वारा मार्च 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में लगभग सभी वीजा आवेदनों पर आगे बढ़ने की प्रक्रिया को रोकने के बाद अमेरिकी वीजा सेवाएं अब लंबित आवेदनों के निस्तारण की कोशिश कर रही हैं.

दोनों विदेश मंत्रियों के बीच यहां करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई। मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में यहां ब्लिंकन के साथ मीडिया से बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा, प्रतिभा के विकास और आवाजाही को सुगम बनाना भी हमारे पारस्परिक हित में है। हम इस बात पर सहमत हुए कि इस पर आने वाली बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए।

इंटरनेट यूजर्स ने लगाई मदद की गुहार

इससे पहले भारत के कई इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने अमेरिकी वीजा के लिए भारतीयों की ओर से किए गए आवेदन पर फैसला लेने में होने वाली देरी को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर करने के वास्ते बुधवार को ट्विटर का सहारा लिया. कुछ उपयोगकर्ताओं ने कहा कि यह देरी भारतीय छात्रों और पेशेवरों के हितों को नुकसान पहुंचा रही है. उन्होंने ट्विटर पर ऐसी मीडिया रिपोर्ट साझा कीं, जिनमें कुछ मामलों में वीजा प्रतीक्षा अवधि के एक साल से अधिक होने का जिक्र किया गया है.

एक उपयोगकर्ता ने ट्वीट करते हुए कहा, “भारत से बड़े पैमाने पर करोड़पति, प्रौद्योगिकी पेशेवर, चिकित्सक और छात्र अमेरिका जाने के इच्छुक हैं. वीजा प्रतीक्षा अवधि एक साल से अधिक है.” इस उपयोगकर्ता ने अमेरिकी वीजा के लिए साक्षात्कार शुरू; प्रतीक्षा अवधि? सिर्फ 800 दिन! शीर्षक से प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया.” इसी तरह एक अन्य उपयोगकर्ता ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग करते हुए लिखा, “सर, भारत-अमेरिका के बीच वीजा का मुद्दा कई छात्रों और पेशेवरों के हितों को वाकई नुकसान पहुंचा रहा है. कृपया, उनकी आवाज उठाने में मदद करें.”