नईदिल्ली I कांग्रेस नेता उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए एक प्रतिक्रिया में ‘चमचागिरी‘ शब्द इस्तेमाल किया है. इस शब्द पर अब राजनीतिक गलियारों में बवाल मच गया है. बीजेपी ने इसे आदिवासियों और महिलाओं के खिलाफ कांग्रेस की मानसिकता से जोड़ा है. वहीं देश के सर्वोच्च पद पर आसीन महिला के खिलाफ ऐसे शब्दों के प्रयोग पर महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है. महिला आयोग ने उदित राज के नाम एक नोटिस जारी किया है जिसमें उनसे ऐसे शब्दों के इस्तेमाल पर माफी मांगने को कहा गया है.
उदित राज के बयान को महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने लिखा ‘अत्यधिक आपत्तिजनक’ बताया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘देश की सुप्रीम पावर और अपनी मेहनत से उस मुकाम तक पहुंची महिला के खिलाफ ऐसे शब्द बहुत ही आपत्तिजनक हैं.’ उन्होंने ट्वीट में उदित राज से मांफी मांगने को कहा है. उन्होंने आगे लिखा कि, ‘उदित राज को इस अपमानजनक बयान पर माफी मांगनी ही चाहिए.’
आदिवासी विरोधी मानसिकता – पात्रा
वहीं बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि उदित राज ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है वह चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया हो, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी ऐसा ही किया था. यह उनकती आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाती है.’
इस बयान पर मचा सियासी बवाल
दरअसल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को पद संभालने के बाद पहली बार गुजरात दौरे पर गई थीं. यहां पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उनके अभिनंदन के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था. इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा था कि, ‘गुजरात देश के 76 फीसद नमक का उत्पादन करता है.’ यह कहा जा सकता है कि सब देशवासी गुजरात का नमक खाते हैं.’
चमचागिरी की भी हद है – उदित राज
इस बयान पर उदित राज ने बुधवार को एक टिप्पणी की है जिसमें उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि, ‘द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले. चमचागिरी की भी हद्द है. कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं. खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएं तो पता लगेगा.’ इस विवादित बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है.
आदिवासियों की बेइज्जती – पूनावाला
वहीं इस बयान के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राष्ट्रपति के खिलाफ कांग्रेसी नेताओं के बिगड़े बोल को याद दिलाया है. उन्होंने लिखा है कि, ‘अजोय कुमार के राष्ट्रपति को ‘ईविल’ कहने के बाद, फिर अधीर रंजन चौधरी के ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द के बाद अब कांग्रेस फिर निचले स्तर पर है! उदित राज ने देश की पहली नागरिक आदिवासी राष्ट्रपति के खिलाफ अस्वीकार्य भाषा का इस्तेमाल किया है.’ उन्होंने आगे लिखा कि क्या कांग्रेस आदिवासी समाज की इस बेइज्जती का समर्थन करती है?