गुरुग्राम । समाजवादी पार्टी के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार की सुबह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। मुलायम सिंह यादव 22 अगस्त से यहां भर्ती थे, लेकिन 2 अक्टूबर को ज्यादा तबीयत खराब होने से वो वेंटिलेटर पर थे। करीब तीन महीने पहले ही इनकी पत्नी साधना का इसी अस्पताल में निधन हुआ था।
9 जुलाई को फफड़ों में संक्रमण की वजह से हुआ था निधन
फेफड़ों में संक्रमण के कारण साधना गुप्ता को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ दिन पहले तक स्वास्थ्य खराब होने के कारण देश के पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव भी वहीं पर भर्ती थे।
अस्पताल में हुई थी मुलाकात
मुलायम सिंह यादव ने अपनी पहली पत्नी व अखिलेश यादव की मां मालती देवी की मृत्यु के बाद 23 मई 2003 को साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था। मुलायम सिंह और साधना गुप्ता तो मुलायम सिंह की मां के कारण करीब आए। मुलायम सिंह की मां मूर्ति देवी बीमार रहती थीं। उनका लखनऊ के बाद सैफई मेडिकल कॉलेज में जब इलाज कराया गया तो साधना ने एक नर्स के तौर पर उनकी देखभाल की। यहां मुलायम साधना से काफी प्रभावित हुए और धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ीं।
दोनों की मुलाकात और उनके प्यार की कहानी
साधना गुप्ता मूल रूप से औरैया की तहसील बिधूना क्षेत्र की रहने वाली थीं। औरैया जनपद बनने से पहले बिधूना इटावा क्षेत्र में आता था। वर्ष 1980 में वह समाजवादी पार्टी से जुड़ी थीं और सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में पहचान बनी थी। इस बीच फर्रुखाबाद के रहने वाले व्यापारी चंद्रप्रकाश गुप्ता से 4 जुलाई 1986 को साधना की पहली शादी हुई थी।
करीब एक साल के बाद साधना और चंद्रप्रकाश में अनबन शुरू हो गई थी। साधना ने पति को छोड़ने के बाद 1990 में आधिकारिक तलाक ले लिया था। उन्होंने 7 जुलाई 1987 को बेटे प्रतीक को जन्म दिया था।
मुलायम सिंह यादव से 20 साल छोटी थीं साधना
उस दौरान देश की राजनीति में प्रवेश कर रहे मुलायम सिंह यादव की साधना से मुलाकात हुई थी। वह उस समय देश की राजनीति में उभरते नेता थे। उसी समय साधना उनकी जिंदगी में आई थीं। उस समय साधना नेताजी से 20 साल छोटी थीं, लेकिन उस दौरान इस पर किसी ने खुलकर बात नहीं की थी।
मां और पहली पत्नी दोनों को हो गई थी जानकारी
मुलायम की मां और उनकी पत्नी मालती को भी इस रिश्ते की जानकारी हो गई थी। हालांकि, मुलायम सिंह ने हमेशा परिवार से अपना प्यार छिपाए रखा। परिवार ने भी कभी साधना को घर में प्रवेश को इजाजत नहीं दी।
साधना ने नहीं बहू ने लिया राजनीति में प्रवेश
बेटे प्रतीक के साथ साधना लखनऊ के आवास में रहती रहीं। साधना कभी खुद सीधे तौर पर राजनीति में नहीं आईं, लेकिन अपर्णा से विवाह के बाद बेटे प्रतीक को समाजवादी पार्टी में मुलायम के उत्तराधिकारी के रूप में देखना चाहती थीं। इस बात को लेकर कई बार चर्चाओं का बाजार भी गर्म रहा, लेकिन मुलायम की ओर से कभी कोई बयान नहीं आया।
बहू ने लड़ा भाजपा से चुनाव
पार्टी की कमान अखिलेश यादव के संभालने के बाद साधना का परिवार दूरियां बनाने लगा। सैफई भी कभी साधना या प्रतीक का आना नहीं हुआ। साधना की बहू अपर्णा ने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने की मंशा जताई, लेकिन कोई तवज्जो न मिलने पर अपर्णा ने यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ज्वाइन कर ली थी।