छत्तीसगढ़

लिंगायत मठ के साधु पर हनी ट्रैप, सुसाइड नोट में खुलासा, महिला की तालाश जारी

नईदिल्ली I कर्नाटक में एक लिंगायत साधु के आत्महत्या मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है. मामले की जांच में जुटे अधिकारियों ने दावा किया है कि उनपर हनी ट्रैप किया गया था और कथित रूप से महिला के साथ ‘अश्लील वीडियो कॉल’ की रिकॉर्डिंग दिखाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि उनपर यह हनी ट्रैप मठ के ही किसी शख्स ने कराया, जिनके नाम कथित रूप से साधु के सुसाइड नोट में भी हैं. मामले में शामिल महिला का अभी तक कुछ पता नहीं चला है.

रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने अपने फोन के स्क्रीन रिकॉर्डिंग फंक्शन का इस्तेमाल कर साधु के साथ कथित रूप से अश्लील वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग की थी. रिपोर्ट के मुताबिक सुसाइड नोट में लिखा है कि “एक अज्ञात महिला ने मेरे साथ ऐसा किया है.” साधु बसवलिंग स्वामी सोमवार सुबह कर्नाटक के रामनगर जिले में कंचगुल बंदे मठ में अपने प्रार्थना कक्ष की खिड़की से लटके पाए गए थे.

‘पद से हटाने के लिए किया ब्लैकमेल’

सुसाइड नोट में साधु ने लिखा है कि “कुछ लोग उन्हें उनके पद से हटाना चाहते थे” और इसके लिए उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था और उनका उत्पीड़न किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक एक जांच अधिकारी ने कहा कि “महिला और कुछ अन्य लोगों ने साधु को धमकी दी कि वे चार अश्लील वीडियो लीक कर देंगे.” उन्होंने बताया कि “हमारे पास इसकी जानकारी है कि ये लोग कौन हैं.” कर्नाटक की राजनीति में धर्म की बड़ी भूमिक रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि नोट में बताए गए कुछ नामों के राजनेताओं के साथ अच्छे सांठ-गांठ हैं, लेकिन सुसाइड नोट में किसी नेता का जिक्र नहीं है.

20 साल में संभाली मठ की अध्यक्षता

जांच अधिकारी ने बताया कि चार वीडियो हैं और हम हर संभव एंगल की जांच कर रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि ये वीडियो अश्लील हैं और महिला की पहचान को लेकर जांच की जा रही है. साधु ने 1997 में 20 साल की उम्र में 400 साल पुराने मठ की अध्यक्षता संभाली थी और हाल ही में रजत जयंती मनाई थी. सोमवार सुबह करीब 6 बजे उन्हें मठ के कर्मचारियों ने फांसी पर लटका पाया.

कर्नाटक में 17 फीसदी आबादी लिंगायत

मठों में साधुओं की आत्महत्या का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले दिसंबर महीने में चिलुमे मठ के अध्यक्ष, जिन्हें बसवलिंग स्वामी भी कहा जाता है, इसी तरह फांसी से लटके पाए गए थे. कथित तौर पर उनकी बिगड़ती सेहत से परेशान होकर उनकी मौत हो गई थी. कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की आबादी 17 फीसदी और राज्य और अन्य पड़ोसी राज्यों में इस समुदाय के कई धार्मिक केंद्र हैं. दक्षिण राज्यों में इस समुदाय का राजनीति में एक तरह से दबदबा माना जाता है.