छत्तीसगढ़

मुस्लिम समुदाय में भी नाबालिग से शादी POCSO एक्ट के बाहर नहीं- केरल हाईकोर्ट

नईदिल्ली I देश में बाल विवाह कानूनी तौर पर अपराध है, लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम समुदाय में इसे लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं. इस बीच केरल हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि मुस्लिम समुदाय में भी नाबालिगों से शादी पोक्सो एक्ट से बाहर नहीं हो सकती. दरअसल मुस्लिम समुदाय में शरीयत कानून को मान्यता मिली हुई है. इसके मुताबिक लड़की को उसकी उम्र से नहीं बल्कि मेंस्ट्रुअल के आधार पर बालिग माना जाता है. हालांकि अब केरल हाई कोर्ट ने साफ किया है कि अगर पति नाबालिग से शादी करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो उसपर भी पोक्सो एक्ट लागू होगा.

जस्टिस बच्चू कुरियन थॉमस की एकल पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही थी. जस्टिस थोमस ने कहा कि पति या पत्नी में से कोई भी नाबालिग है और मुस्लिम कानून के तहत उनकी शादी भले ही वैध हो लेकिन पोक्सो एक्ट उनपर भी लागू होगा. इसी के साथ कोर्ट ने उस शख्स की जमानत याचिका को खारिज कर दिया जिसे 16 साल की लड़की का रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

आरोपी ने 16 साल की लड़की का रेप करके की थी शादी

पीड़िता पश्चिम बंगाल की थी जो बाद में आरोपी की पत्नी बन गई. दरअसल 31 साल के शख्स पर आरोप है कि उसने पहले 16 साल की लड़की को अगला कर कई बार उसका रेप किया और बाद में उससे शादी कर ली.

इसके बाद आरोपी ने तर्क दिया कि उसने कानूनी रूप से लड़की से शादी की थी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड युवावस्था प्राप्त करने के बाद समुदाय की लड़कियों की शादी की अनुमति देता है और उस पर पॉक्सो के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. उसने तर्क दिया कि उसने मार्च 2021 में लड़की से शादी की थी और उन पर लागू पर्सनल लॉ के तहत उसे अपना कानूनी साथी बनाया था.

उसने अपने दावे के समर्थन में हरियाणा, दिल्ली और कर्नाटक उच्च न्यायालयों के पहले के फैसलों का भी हवाला दिया. लेकिन अदालत ने इन दावों से सहमत होने से इनकार कर दिया. उन्होंने अपने दावे के समर्थन में हरियाणा, दिल्ली और कर्नाटक हाईकोर्ट के पहले के फैसलों का भी हवाला दिया. लेकिन अदालत ने इन दावों से सहमत होने से इनकार कर दिया.