नईदिल्ली I 20 नवंबर से गोवा में चल रहे ‘इंडिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ का समापन 28 नवंबर को किया गया. हालांकि इस समारोह का समापन में कुछ ऐसा हुआ, जिसे देख सभी लोग हैरान रह गए. क्योंकि जूरी प्रमुख नादव लापिड ने मंच पर फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स की आलोचना कर दी. इस 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इज़राइली फिल्म निर्माता नादव लापिड ने कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’को एक प्रोपेंगेंडा के तहत बनाया गया है. नादव लापिड ने वहां मौजूद सभी लोगों के सामने कहा, “हम सभी 15वीं फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से परेशान और हैरान थे, यह फिल्म हमें प्रोपेगेंडा से ज्यादा कुछ नहीं लगी. ये बिल्कुल अश्लील और कमजोर कहानी थी. इतने बड़े प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए यह फिल्म बिल्कुल बेकार है.”
जानिए नादव लापिड ने क्या कहा
आगे नादव लापिड ने कहा कि “मैं इस मंच पर खड़े होकर अपनी भावनाओं को अच्छी तरह साझा कर सकता हूं, मैं इसमें सहज हूं. ऐसे एक आलोचनात्मक टिप्पणी समझे और स्वीकार करें क्योंकि फिल्म समारोह इसीलिए आयोजित किए जाते हैं.” आपको बता दे, पिछले हफ्ते इस फिल्म फेस्टिवल में ‘द कश्मीर फाइल्स’ भी दिखाई गई थी. कश्मीर फाइल्स का निर्देशन विवेक रंजन अग्निहोत्री ने किया है. 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई यह फिल्म 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों की हत्याओं और पलायन के इर्द-गिर्द घूमती है. यह फिल्म भारत में हिट रही लेकिन कई लोगों ने इसके प्रोपेगेंडा लहजे के लिए इसकी आलोचना भी की थी.
सिंगापुर में लगा था ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर बैन
सिंगापुर में भी ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर बैन लगा दिया था, क्योंकि सिंगापुर के कुछ मुसलमान अधिकारियों को इस फिल्म से आपत्ति थी. वे इसे एक तरफा फिल्म मानते हैं और अस्वीकार करते हैं. विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी मुख्य भूमिका में हैं. भारत में इस फिल्म को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई राजनीतिक दलों का साथ मिला. देश के जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार हैं, उन्होंने इसे कर मुक्त घोषित किया था.