नईदिल्ली I हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत के साथ प्रियंका गांधी के लिए अब नई योजनाएं बनने लगी हैं। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि अगले साल होने वाले अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनावों में प्रियंका गांधी को बड़े नेता के तौर पर उतारा जा सकता है। हालांकि, पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि इसका फैसला खुद प्रियंका गांधी ही करेंगी। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में हुए चुनावों में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला था। अब जब हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार वापस बन रही है तो पार्टी को प्रियंका गांधी से बहुत ज्यादा उम्मीद आने वाले चुनावों के लिए लग गई हैं। वहीं, जल्द ही होने वाली कांग्रेस की गुजरात हार की समीक्षा बैठक में अगले विधानसभा चुनावों की पूरी तैयारियों का खाका भी खींचा जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में चुनावी नतीजे आने के बाद कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं कि प्रियंका गांधी को निश्चित तौर पर अब आने वाले अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी के जनाधार को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश में मिली कांग्रेस की जीत में कार्यकर्ताओं से लेकर केंद्रीय नेताओं का बड़ा योगदान है। कहते हैं कि इसमें प्रियंका गांधी की अहम भूमिका भी है। जिस तरीके से हिमाचल प्रदेश के चुनाव में प्रियंका गांधी ने अलग-अलग इलाके में जाकर पार्टी के लिए प्रचार किया उससे चुनावी नतीजे आने से पहले ही प्रियंका गांधी की मांग पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से की जाने लगी है। वह कहते हैं अब तो यह स्पष्ट भी हो गया है कि पार्टी के बड़े चेहरे के तौर पर प्रियंका गांधी अगर मैदान में उतरेगी तो जनता में भरोसा भी बढ़ेगा और सीटें भी बढ़ेंगी।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रियंका गांधी की भूमिका को लेकर आलाकमान ने योजना तो बना ली है। लेकिन अभी पार्टी शुरुआती दौर में गुजरात में हुए अब तक के सबसे बुरे प्रदर्शन को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ चर्चा करेगी। उसके बाद में ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की पूरी रूपरेखा भी तैयार की जाएगी। उसी बैठक के बाद यह तय किया जाएगा कि आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा के चुनाव में किस नेता को कौन सी जिम्मेदारी दी जानी है। हालांकि, पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं वहां पर पहले से ही पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं और नेताओं को जिम्मेदारियां दी गई हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गुजरात में अब तक के सबसे बुरे प्रदर्शन के बाद पार्टी आत्ममंथन करने के लिए जल्द ही एक बड़ी बैठक करने वाली है।
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में शपथ ग्रहण के बाद ही पार्टी की कोर कमेटी की एक बड़ी बैठक दिल्ली में होनी तय है। जिसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चर्चा इस बात की भी हो रही थी कि राहुल गांधी उसमें शामिल होंगे या नहीं। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हार की समीक्षा के लिए होने वाली बैठक में राहुल गांधी शामिल होंगे या नहीं। सूत्र बताते हैं कि इसी बैठक में प्रियंका गांधी की आने वाले विधानसभा के चुनावों में जिम्मेदारियों पर भी चर्चा होनी तय है।
हिमाचल प्रदेश के चुनावों में सक्रिय होने से पहले प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के चुनावों में भी सक्रिय भूमिका निभा चुकी हैं। हालांकि, यह बात अलग है प्रियंका गांधी की सक्रियता के बाद भी उत्तर प्रदेश के चुनावों में कांग्रेस पार्टी का क्या हश्र हुआ वह किसी से छुपा नहीं है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश के प्रियंका गांधी की सक्रियता के बाद जिस तरीके से सत्ता में कांग्रेस पार्टी की वापसी हुई है उससे उत्तर प्रदेश उनके ऊपर लगे तमाम सवालिया निशान न सिर्फ मिट चुके हैं बल्कि उनको एक जिताऊ नेता के तौर पर जनता ने स्वीकार किया है। राजनीतिक विश्लेषक एसके त्यागी कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम कांग्रेस निश्चित तौर पर उत्साहित है और इस उत्साह में प्रियंका गांधी की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। वह कहते हैं कि चुनावी मैदान में कांग्रेस के नेताओं की ओर से गांधी परिवार के चेहरे की शुरुआती दौर से ही मांग उठती रहती थी। ऐसे में अगर प्रियंका गांधी के हिमाचल प्रदेश में शानदार प्रदर्शन के बाद उनको देश के अलग-अलग राज्यों में विधानसभा चुनावों में भेजा जाएगा तो निश्चित तौर पर पार्टी को फायदा हो सकता है।