नई दिल्ली : हो! हो! हो! सांता आया, तोहफे लाया। आज क्रिसमस (Christmas) है और कोई भला सफेद दाढ़ी और लाल पोशाक वाले सांता क्लाज (Santa Claus) को भूल सकता है। आज का त्योहार सांता के बिना अधूरा है।
वो कहानियां तो आपने सुनी होगी जिसमें सांता क्रिसमस ईव पर अपनी 8 बारहसिंगों वाली गाड़ी पर बैठकर आता है और चुपके से बच्चों के मनपसंदीदा तोहफे अपनी झोली से निकालकर बच्चों के घर रख जाता है। तस्वीरों में सांता को एक भारी कद काठी के लाल सफेद कपड़े पहनने वाले बुजुर्ग की तरह दिखाया गया है। कैसे दिखते है सांता और क्या वे सच में हैं?
कौन है सांता
एक हसमुख सा दिखने वाला आदमी सांता हर साल क्रिसमस पर बच्चों के लिए खिलौने बनाता है। कहा जाता है कि बच्चें सांता को चिट्ठी लिखते हैं जिसमें वे अपने पसंदीदी तोहफे की मांग करते हैं। कहा तो ये भी जाता है कि सांता उत्तरी ध्रुव में अपनी पत्नी के मिसेज क्लाज के साथ रहते है। सबसे पहले सांता की कहानी तुर्की देश से शुरू हुई थी।
अधिकांश पुस्तकों में लिखा गया है कि सांता क्लाज को संत निकोलस के साथ जोड़ा गया है। अगर कहानियों पर विश्वास किया जाए, तो उनका जन्म लगभग 3-4 शताब्दी में एक समृद्ध परिवार में हुआ था। नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, संत एक यूनानी थे और 280 ईस्वी में, आधुनिक तुर्की के एक छोटे से रोमन शहर मायरा के बिशप बन गए। निकोलस की प्रसिद्धि उनकी मृत्यु के बाद लंबे समय तक रही। ऐसा माना जाता है कि वह अनाथों से लेकर नाविकों और कैदियों तक कई लोगों का रक्षक है।
लाल ही नहीं तरह-तरह के पहनते थे पोशाक
सिंटरक्लास, सेंट निकोलस का डच अनुवाद है और सन 1700 तक अमेरिका में संत की दरियादिली की कहानियां कोने-कोने तक फैलने लगी। इसके बाद उनकी छवि पॉप संस्कृति में बदलने लगी और उनकी मृत्य के बाद उनका नाम सांता क्लाज के नाम से मशहूर होने लगा। कहते है कि तस्वीरों में जैसे सांता को दिखाया गया है वो वैसे नहीं थे।
वाशिंगटन इरविंग कि किताब निकरबॉकर्स हिस्ट्री ऑफ न्यूयॉर्क में सांता कि छवि का जिक्र किया गया है। इसमें सांता को एक पाइप पीने वाले, स्लिम फिगर के रूप में चित्रित किया है। पहनावे को लेकर भी माना जाता है कि सांता न केवल लाल रंग के पोशाक बल्कि कई तरह के रंग-बिरंगे वाले कपड़े पहनते थे। इसका पता 19वीं शताब्दी की कुछ तस्वीरों में देखने को मिल जाता है।