रायपुर : छत्तीसगढ़ में दो नई तहसीलों के गठन का रास्ता साफ हो गया है। राजस्व विभाग ने राजनांदगांव के कुमरदा और जशपुर जिले के बागबहार को नई तहसील बनाने का प्रस्ताव दिया है। इन दोनों तहसीलों के लिए प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन भी हो गया है। पिछले साल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात के दौरान इन तहसीलों के गठन की घोषणा की थी।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव अनुराग पांडेय ने एक अधिसूचना प्रकाशित की है। इसके मुताबिक राजनांदगांव की छुरिया तहसील का विभाजन किया जाना है। इससे एक नई तहसील बनेगी, जिसका मुख्यालय कुमरदा में होगा। इसमें 99 गांव आ रहे हैं। नई तहसील के उत्तर में डोंगरगांव तहसील होगी, दक्षिण में मोहला-मानपुर-चौकी जिले की अंबागढ़ चौकी तहसील होगी। इसके पूर्व की ओर बालोद जिले की डौंडी-लोहारा तहसील और पश्चिम में राजनांदगांव की छुरिया तहसील आएगी। राजनांदगांव जिले में अभी छह तहसीलें राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव, छुरिया और लाल बहादुर नगर हैं। इस तरह कुमरदा इस जिले की सातवीं तहसील होगी। विभाग ने इस विभाजन की वजह प्रशासनिक विकेंद्रीकरण बताया है। अधिकारियों का कहना था, नवम्बर 2022 में भेंट-मुलाकात के दौरान खुज्जी विधानसभा पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यहां के लोगों ने नई तहसील की मांग की थी। उसके बाद इसकी घोषणा हुई थी।
विभाग ने जशपुर जिले में भी प्रशासनिक विकेंद्रीकरण के लिए नई तहसील का प्रस्ताव दिया है। यह नई तहसील पत्थलगांव तहसील का विभाजन करके बनाई जाएगी। इसमें 52 गांव आ रहे हैं, जिसका मुख्यालय बागबहार होगा। यह अभी उप तहसील है। इसके उत्तर में जशपुर की पत्थलगांव तहसील, दक्षिण और पश्चिम में रायगढ़ जिले की लैलुंगा तहसील और पूर्व में जशपुर की फरसाबहार तहसील की सीमाएं होंगी। जशपुर जिले में अभी 9 तहसीलें हैं। इसमें जशपुर, मनोरा, कुनकुरी, दुलदुला, बगीचा, कांसाबेल, सन्ना, पत्थलगांव और फरसबहार शामिल है। बताया जा रहा है, पत्थलगांव तहसील बहुत बड़ी थी, इसकी वजह से इसका विभाजन का एक नई तहसील बनाने की बात हुई है। स्थानीय लोग काफी दिनों से नई तहसील की मांग कर रहे थे ताकि उनको आने-जाने में आसानी हो सके। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात के दौरान इस उप तहसील को पूर्ण तहसील बनाने की घोषणा की थी।
राजस्व विभाग ने तहसील बनाने की प्रक्रिया के तहत राजपत्र में अधिसूचना का प्रारंभिक प्रकाशन कर दिया है। विभाग ने इसपर दावा, आपत्ति और सुझाव मांगे है। यह दावा, आपत्ति अथवा सुझाव लिखित रूप से 60 दिनों के भीतर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, मंत्रालय-महानदी भवन, नवा रायपुर को भेजा जाना है। 60 दिन बीत जाने के बाद इन दावा-आपत्तियों अथवा प्रस्ताव पर विचार होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवम्बर 2022 में 25 नई तहसीलों का उद्घाटन किया था। इसमें मंदिर हसौद, धरसींवा, बेलरगांव, कोमाखान, सोनाखान, टुण्डरा, अमलीपदर, बेलतरा, जरहागांव, दीपका, मुकड़ेगा, कोटाडोल, पोड़ी (बचरा), औंधी, खड़गांव, साल्हेवारा, लालबहादुर नगर, मर्री बंगला “देवरी’, देवकर, भिंभौरी, नानगुर, भानपुरी, तोंगपाल, मर्दापाल और धनोरा शामिल थे। उस समय तीन नई तहसीलें कुकदूर, कुंडा और पिपरिया की अधिसूचना भी प्रकाशित हो चुकी थी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले चार साल में छह नये जिले और 80 नई तहसीलों को आकार दे दिया है। 17 दिसम्बर 2018 को सरकार बनी। 10 फरवरी 2020को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का उद्घाटन हो गया। वर्ष 2022 में पांच और नए जिले मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और सक्ती का उद्घाटन हो गया। इसके अलावा 80 नई तहसील और 19 अनुविभाग बनाए गए हैं। घोषणाएं अभी भी जारी हैं।