छत्तीसगढ़

BCCI से हरी झंडी मिलते ही भारत का यह मैदान देगा मेलबर्न ग्राउंड को टक्कर, क्रिकेट के साथ ही खेला जाएगा फुटबॉल

नई दिल्ली। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम की विजिटर गैलरी का रविवार यानी 19 फरवरी को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने उद्धाटन किया। बता दें कि स्टेडियम में बनी यह गैलरी ग्रीन पार्क क्रिकेट के 78 वर्षों के इतिहास को बताएंगी।

इस दौरान सचिव दुर्गा ने कानपुर के इस स्टेडियम को बिल्कुल ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के ग्राउंड जैसा बनाने को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि इस मैदान पर सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि फुटबॉल और दूसरे खेल भी खेले जा सकेंगे, जबकि अभी पिच खराब होने के चलते यहां क्रिकेट के अलावा कोई और खेल नहीं खेले जाते है।

कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम को मेलबर्न ग्राउंड जैसा बनाए जाएगा

दरअसल सचिव दुर्गा शंकर ने रविवार को पिच क्यूरेटर शिव कुमार से बातचीत करते हुए कहा, मेलबर्न के कई ग्राउंड ऐसे है, जहां क्रिकेट और फुटबॉल के लिए एक ही पिच होती है। ऐसी ही पिच कानपुर ग्रीन पार्क स्टेडियम में भी बनाई जाए। मुख्य सचिव ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार लगातार खेलों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। ग्रीन पार्क अपने आप को साबित नहीं कर सका। जबकि इसके मुकाबले यूपी में ही कई बड़े स्टेडियम बनकर तैयार हो गए। अब इसे दोबारा इसकी पहचान हासिल कराई जाएगी।

‘यूपीसीए के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा, ‘ग्रीन पार्क स्टेडियम की पिच को फुटबॉल ग्राउंड बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। बीसीसीआई की पिच क्यूरेटर वर्कशॉप मीटिंग में इस प्रपोजल को रखा जाएगा। मेलबर्न और न्यूजीलैंड में ड्रॉपइन पिच का कल्चर है। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि एक ही ग्राउंड पर मल्टीस्पोर्ट्स एक्टिविटी हो जाती है। इससे कई ग्राउंड बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है।’

बता दें कि कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में 21 अक्टूबर 1987 को पहला विश्व कप मैच वेस्टइंडीज और श्रीलंका के बीच खेला गया था, जिसमें वेस्टइंडीज टीम को 25 रनों से जीत हासिल हुई थी। ग्रीन पार्क में स्थापित गैलरी में 1954 से अब तक के सभी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की पूरी जानकारी को दर्शाया गया है। इसमें पहली मंजिल पर वर्चुल पिच के साथ-साथ कैफेटेरिया को बनाया गया, दूसरी मंजिल पर म्यूजियम, ऑडियो-वीडियो रूम और लाइब्रेरी शामिल है।