छत्तीसगढ़

GPM: हत्या के दो आरोपियों को आजीवन कारावास, एक ने नानी तो दूसरे ने युवक को मार डाला था

गौरेला। पेंड्रा में पैसों की मांग और जमीन बेचने से इंकार करने पर नानी की हत्या करने और पत्नी के साथ बात करते देखने के बाद शराब के नशे में हुये विवाद के बाद युवक की गर्दन तोड़कर हत्या करने के दो अलग अलग मामलों में एडीजे कोर्ट ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।

दरअसल पहला मामला गौरेला में 10 सितंबर 2020 को हुआ। जिसमें बुजुर्ग महिला ललियाबाई काशीपुरी रहस्यमय तरीके से गायब हुई थी। जिसकी लाश 10 दिन बाद कंकाल के रूप में रेंजराभार के रतनजोत प्लांट में रतनजोत के पौधों से ढंकी हुयी मिली थी। ललियाबाई के घर में ही आरोपी राजकुमार उर्फ अमृतलाल काशीपुरी रहता था और वह शराब के लिये पैसों की मांग करने के अलावा ललियाबाई की जमीन को बेचने के लिये दबाव बनाते रहता था।

घटना के पहले भी आरोपी ने नानी को पास के नदी में फेंकने की योजना भी बनायी थी पर वहां लोगों के मौजूद होने के कारण नाकाम रहा। वहीं, शराब के लिये पैसे मांगने को लेकर कई बार नानी के साथ आरोपी का विवाद भी हुआ उधर घटना के दिन नानी को राशन दिलाने के नाम पर आरोपी अपने साथ सायकल पर ले गया और गढ्ढे में गिराकर गला दबाकर हत्या कर दी। और लाश को छिपाने के लिये टंगिया से रतनजोत के पौधे काटकर लाश के ऊपर ढंक दिया था।

घटना के दिन से आरोपी भी घर से गायब था और लाश मिलने के बाद गौरेला पुलिस ने आरोपी राजकुमार उर्फ अमृतलाल को भी गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले मे फैसला सुनाते हुये एडीजे गौरेला किरण थवाईत ने आरोपी को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और धारा 201 के तहत पांच साल के सश्रम कारावास सहित अर्थदंड की सजा सुनायी है। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज नागाईच ने किया।

वहीं, दूसरा मामला पत्नी से बात करते हुये देखकर आक्रोशित शराबी पति के द्वारा एक व्यक्ति की हत्या कर लाश तालाब में छिपाने के मामले में एडीजे गौरेला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। दरअसल, मामला 20 फरवरी 2021 को गौरेला थाना के कोरजा गांव का है जहां ईटा भट्ठा में काम करने वाले अजय कौल की लाश गांव के तालाब में मिली थी जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गर्दन तोड़कर हत्या किये जाने की पुष्टि हुयी थी। 

इस मामले में खुलासा हुआ था कि गांव में दिलीप सोनी के इंटा भट्ठा में काम करने वाला अजय कौल घटना के दिन शाम को एक महिला से बात कर रहा था। जिस दौरान उसका पति आरोपी रेचकु उर्फ रमेश कोल आ गया जोकि शराब पिया हुआ था और बात करते हुये देख उसने अपनी पत्नी गोलकी बाई को भी डांटा और आरोपी से विवाद होने के बाद उसकी गर्दन तोड़कर हत्या कर दी। लाश को दर्री तालाब में छिपा दिया। पुलिस ने पहले मृतक की पत्नी की रिपोर्ट पर गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और बाद में तालाब में लाश मिलने पर हत्या का मामला दर्ज करते हुये बाद में आरोपी को गिरफ्तार किया था।

इस मामले मे फैसला सुनाते हुये एडीजे गौरेला किरण थवाईत ने आरोपी रेचकु उर्फ रमेश कोल को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और धारा 201 के तहत पांच साल के सश्रम कारावास सहित अर्थदंड की सजा सुनायी है। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज नागाईच ने की।