छत्तीसगढ़

बजट सत्र: जहरीली शराब से मौत पर मुआवजा नहीं दे सकते, CM नीतीश की दो टूक; फिर भाजपा नेता की तरफ किया इशारा

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आवश्यकता पड़ी तो राज्य के विकास के लिए और योजना बनाएंगे।बुधवार को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि समाधान यात्रा के माध्यम से उन्होंने राज्य का भ्रमण किया। देखा कि कितनी योजनाएं पूरी हुई हैं। कहां कुछ कमी रह गई है।

यात्रा के क्रम में आम लोगों, जीविका दीदियों और विभिन्न दलों के जन प्रतिनिधियों से बातचीत हुई। वहां से लौटने के बाद अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे क्षेत्र से मिली शिकायतों का समाधान करें।देखें कि विकास की किसी और योजना की आवश्यकता तो नहीं है। आवश्यकता पड़ी तो नई योजना बनाएंगे। हम हरेक समस्या का निदान चाहते हैं।

उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि क्षेत्र की किसी भी तरह की समस्या की सूचना संबंधित जिले के डीएम को दें। एक प्रति मुख्यमंत्री सचिवालय को भी भेज दें।मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जहरीली शराब पीकर मरने वालों के स्वजन को मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। हां, परिवार की मदद के लिए कुछ किया जा सकता है।

परिवार के लोगों को प्रशिक्षित किया जा सकता है कि वे अपने स्वजन को शराब पीने से रोकें। पीने की आदत नहीं रहेगी तो कोई जहरीली शराब कैसे सेवन करेगा!उन्होंने कहा कि एक करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब छोड़ दी है। सरकार प्रायोजित एक सर्वेक्षण में बताया गया है कि 93 प्रतिशत ग्रामीण और 92 प्रतिशत शहरी जनसंख्या शराबबंदी के पक्ष में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग तो गड़बड़ करते ही रहेंगे। गांवों की 99 प्रतिशत महिलाएं शराबबंदी का समर्थन कर रही हैं।मुख्यमंत्री ने विपक्षी भाजपा से कहा कि हम सबने शराबबंदी का निर्णय लिया। विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा की ओर इशारा कर कहा कि शपथ लेने का विचार आपका ही था।सिन्हा ने कहा कि हम आज भी शराबबंदी के पक्ष में हैं, लेकिन जहरीली शराब और शराब के कारोबार पर रोक लगनी चाहिए।