छत्तीसगढ़

राहुल और प्रियंका गांधी से नवजोत सिंह सिद्धू ने की मुलाकात, बोले- पंजाब के लिए मेरी दृढ़ प्रतिबद्धता

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी अपने नेताओं और पंजाब राज्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अभी भी दृढ़ है। सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को एक तीन दशक पुराने सड़क हिंसा के मामले में एक साल की जेल सजा सुनाई थी, जिसके बाद वह पंजाब के पटियाला केंद्रीय जेल से 1 अप्रैल को रिहा हुआ था। सिद्धू ने राहुल गांधी से पहली बार मिला था।

सिद्धू ने ट्वीट करते हुए कहा, “आज नई दिल्ली में राहुल जी और प्रियंका जी से मुलाकात हुई। आप मुझे कैद कर सकते हो, धमका सकते हो, मेरे सभी वित्तीय खातों को अवरुद्ध कर सकते हो लेकिन मेरी पंजाब और मेरे नेताओं के प्रति मेरी प्रतिबद्धता कभी हिलेगी नहीं।” बता दें, सिद्धू को पिछले साल मई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दंडित किया गया था, उन्होंने एक गलतफहमी के चलते गुरणाम सिंह को मारने के आरोप में एक साल की सजा दी गई थी।

जेल से बाहर निकलते ही, सिद्धू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि लोकतंत्र जंजीरों में बंधा हुआ है और पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र जंजीरों में बंधा हुआ है। अभी देश में लोकतंत्र जैसा कुछ भी नहीं है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है। अल्पसंख्यकों का निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि आप पंजाब को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, तो आप खुद कमजोर हो जाएंगे।

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि वायनाड पूर्व सांसद केंद्र सरकार को हिला देंगे। उन्होंने कहा कि जब भी इस देश में तानाशाही आई है, तब हमेशा एक क्रांति भी आई है और इस बार, उस क्रांति का नाम राहुल गांधी है। वह सरकार को हिलाएगा। क्रिकेटर से राजनेता बने, सिद्धू ने 2018 में भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने मतभेदों के चलते कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार से इस्तीफा दे दिया था। बाद में उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया था।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में अमरिंदर सिंह से इस्तीफे की मांग की, तब सिद्धू उम्मीद कर रहे थे कि वो उनकी जगह लेंगे, लेकिन उस पद को चरंजीत सिंह चन्नी को दे दिया गया था। पंजाब में साल 2022 के दौरान हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। पार्टी को 117 सीटों में से सिर्फ 18 सीटों पर जीत हासिल हुई। इसके बाद, सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।