अमृतसर : श्री हरिमंदिर साहिब के पास क्षेत्र हेरिटेज स्ट्रीट में सोमवार सुबह 6:30 बजे ठीक उसी जगह पर फिर धमाका हुआ जहां शनिवार की देर रात हुआ था। घटना के समय सड़क पर ज्यादा आवाजाही नहीं थी। पुलिस के कई बड़े अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं जांच जारी है I
फॉरेंसिक टीम के सदस्यों ने कई सैंपल कब्जे में लिए हैं। जहां धमाका हुआ वहां एक कार भी खड़ी थी जिसके शीशे टूट गए। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज निकलवाने में लगी है। फिलहाल पुलिस विस्फोटक होने की घटना से साफ इंकार कर रही है। हेरिटेज स्ट्रीट स्थित घटनास्थल पर डीसीपी परमिंदर सिंह भंडाल भी जांच करने पहुंचे। साथ ही डीजीपी पंजाब गौरव यादव मौके पर पहुंचे।
डीजीपी गौरव यादव ने स्पष्ट कहा है कि इस मामले में आतंकी एंगल सामने नहीं आया है। किसी शरारती का काम लग रहा है। धमाका कम क्षमता वाला था। दोनों घटनाओं में कोई डेटोनेटर बरामद नहीं हुआ है।
हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इस जगह को पहले भी आने-जाने के लिए बंद कर रखा था। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं जांच जारी है। घटनास्थल पर पहुंचे फॉरेंसिक टीम के अधिकारियों ने सैंपल कब्जे में ले लिए हैं। यह धमाका शनिवार की देर रात वाली घटना के 200 मीटर के फासले पर हुई।
अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास हुए विस्फोट की सूचना पर एडीसीपी मेहताब सिंह ने कहा है कि घटना का पता लगाया जा रहा है। यहां स्थिति सामान्य है। तोड़फोड़ रोधी, बम निरोधक दस्ता और एफएसएल की टीमें यहां मौजूद हैं। हादसे में एक व्यक्ति के पैर में मामूली चोट आई है।
शनिवार देर रात भी हुआ था धमाका
शनिवार देर रात भी स्वर्ण मंदिर के निकट हेरिटेज स्ट्रीट पर विस्फोट हुआ था। इसमें एक व्यक्ति के मामूली रूप से घायल होने की बात सामने आई थी और कुछ इमारतों के शीशे क्षतिग्रस्त हुए थे। हालांकि, पुलिस ने कहा था कि यह आतंकी हमला नहीं, बल्कि एक दुर्घटना थी।
दरबार साहिब के पास व्यस्त हेरिटेज स्ट्रीट में शनिवार रात हुए विस्फोट से दहशत फैल गई थी। मौके पर मौजूद कई श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने विस्फोट को आतंकी घटना माना था।
पुलिस अधिकारियों ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा था कि स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की जरूरत नहीं है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मेहताब सिंह ने कहा था कि घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। फोरेंसिक टीमें जांच कर रही हैं। आसपास की इमारतों की केवल खिड़कियों के शीशे टूट गए और इमारतों को कोई नुकसान नहीं हुआ