छत्तीसगढ़

हम कानून का लेंगे सहारा…: इंजन समस्या के गो फर्स्ट के आरोपों को US की कंपनी ने बताया बेबुनियाद, दी चेतावनी

वाशिंगटन : गो फर्स्ट ने अपनी वित्तीय स्थिति के लिए अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) को कसूरवार बताया था। वहीं, जर्मन एयरलाइंस लुफ्थांसा ने भी गो फर्स्ट के बयान का समर्थन किया था। हालांकि, अब पीएंडडब्ल्यू के एक अधिकारी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि वह एयरलाइन के दावों के खिलाफ कानून का सहारा लेगी। 

यह है मामला

गौरतलब है, कहा जा रहा था कि अमेरिकी कंपनी एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) ने मध्यस्थता फैसले का पालन किया होता तो वाडिया समूह की एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट गंभीर संकट में नहीं फंसती। सिंगापुर मध्यस्थता अदालत ने पीएंडडब्ल्यू को आदेश दिया था कि वह 27 अप्रैल तक कम से कम 10 अतिरिक्त लीज इंजन और दिसंबर 2023 तक प्रतिमाह अन्य 10 अतिरिक्त लीज इंजन कंपनी को देने के लिए सभी उचित कदम उठाए। पीएंडडब्ल्यू ने ऐसा नहीं किया। अगर प्रैट एंड व्हिटनी ने इन निर्देशों का पालन किया होता, तो गो फर्स्ट अगस्त-सितंबर 2023 तक पूर्ण संचालन में वापस आ जाता।

गो फर्स्ट  ने लगाया था आरोप

इसके बाद गो फर्स्ट के सीईओ ने अमेरिकी कंपनी पर निशाना साधा था। गो फर्स्ट के सीईओ कौशिक खोना ने अपने कर्मचारियों से कहा था कि एयरलाइन में आई गड़बड़ी का कारण प्रैट एंड व्हिटनी इंजन हैं। इनके बार-बार खराब होने की वजह से एयरलाइन में समस्या आई है। वहीं उन्होंने लीज देने वाले लोगों (पट्टेदार) द्वारा सख्ती करने की बात भी कही थी।

सीईओ ने कहा था कि एयरलाइन का बेड़ा घटता जा रहा है। ऐसे में हम पट्टेदारों के भुगतान के लिए राजस्व उत्पन्न करने में असमर्थ हैं। ऐसे में पट्टेदार कठोर कदम उठा रहे हैं। 

अमेरिकी कंपनी का बयान

अमेरिकी कंपनी पीएंडडब्ल्यू के अधिकारियों ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा था कि यह पहली बार नहीं है, जब गो फर्स्ट के साथ ऐसा कुछ हुआ है। उसका पहले भी प्रैट के प्रति अपने वित्तीय दायित्वों को खो देने का एक लंबा इतिहास रहा है। अब उसने एक बार गो फर्स्ट एयरलाइन के आरोप को बेबुनियाद बताया है। प्रैट एंड व्हिटनी ने कहा कि उसकी वित्तीय स्थिति के लिए हम जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने जो आरोप लगाया है उससे सख्ती से निपटा जाएगा। हम कानून का सहारा लेंगे।

2005 में पट्टे के दो विमानों से शुरू हुई थी कंपनी

वाडिया समूह की कंपनी लंबे समय से पूंजी जुटाने के लिए निवेशकों से बात कर रही है पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। आईपीओ लाने के लिए भी सेबी के पास मसौदा जमा कराया गया है। गो फर्स्ट एयरलाइन की शुरुआत जेह वाडिया ने 2005 में बिना किसी विस्तृत योजना के शुरू की थी और उस समय दो विमान पट्टे पर लिया था।