छत्तीसगढ़

ओड़िशा ट्रेन एक्सीडेंट : CBI ने शुरू की ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच, अफसरों की टीम ने घटनास्थल का किया दौरा

नईदिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने सोमवार को बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल का दौरा किया और दुर्घटना की जांच शुरू की। पूर्व तट रेलवे के अंतर्गत खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम रिंकेश रे ने कहा कि उन्हें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार बालासोर में हुए ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच शुरू हो गई है। लेकिन अभी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है।

रेलवे बोर्ड ने रविवार को हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इससे पहले रेल सुरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान वह बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम, सिग्नल रूम और सिग्नल प्वाइंट पर भी गए। बता दें, तीन जून को बालासोर में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने ट्रेन दुर्घटना को लेकर भारतीय दंड संहिता और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

तीन घायलों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 278 हुई
वहीं, रेलवे ने बताया कि सोमवार को तीन घायलों की मौत के बाद ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की आधिकारिक संख्या बढ़कर 278 हो गई। हालांकि, ओडिशा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मृतकों की संख्या अब भी 275 है। खुर्दा रोड मंडल के डीआरएम रिंकेश रे ने बताया कि दो जून को तीन ट्रेनों की आपस में टक्कर के कारण हुई दुर्घटना में 278 लोगों की मौत हुई है और 1100 लोग घायल हुए हैं।

आपको बता दें, ट्रेन हादसे के अगले दिन मृतकों की संख्या 288 बताई गई थी, लेकिन ओडिशा सरकार ने रविवार को आंकड़ों को संशोधित कर 275 लोगों के मरने के जानकारी दी थी। दावा किया था कि कुछ शव दो बार गिने गए थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि हादसे में उनके राज्य के 61 लोग मारे गए हैं और 182 लोग अभी भी लापता हैं।

278 शवों में से 177 की हुई पहचान
डीआरएम रिंकेश रे ने कहा कि फिलहाल 200 से कम लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि 278 शवों में से 177 की पहचान कर ली गई है, जबकि 101 शवों की पहचान की जानी बाकी है और इन शवों को छह अलग-अलग अस्पतालों में रखा गया है। उन्होंने ने कहा कि रेलवे ने लापता व्यक्ति का पता लगाने के लिए ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में लोगों को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि शवों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किया जाएगा I