छत्तीसगढ़

WTC फाइनल : सुनील गावस्कर रविचंद्रन अश्विन को ड्रॉप करने के फैसले पर हुए आग बाबूला, सरेआम रोहित-द्रविड़ की लगाई क्लास

नई दिल्ली। भारतीय टीम को वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 209रनों से करारी शिक्सत मिली। इस हार के बाद टीम इंडिया का एक बार फिर से WTC Final जीतने का सपना अधूरा रह गया। भले ही इस बात को दो दिन बीत चुके हो, लेकिन अभी तक इस हार का दर्द भारतीय फैंस और दिग्गज भुला नहीं पा रहे है।

रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ पर कई दिग्गज से लेकर फैंस अपनी भड़ास निकाल रहे है। वहीं, प्लेइंग-11 में रविचंद्रन अश्विन को शामिल नहीं करने के फैसले पर हाल ही में पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अश्विन जैसा बर्ताव इस टीम में किसी के साथ नहीं हुआ है। आइए जानते हैं रविचंद्रन अश्विन को मौका नहीं मिलने पर सुनील गावस्कर ने क्या कहा है?

दरअसल, डब्ल्यूटीसी के फाइनल मैच में भारतीय टीम की हार के बाद टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग-11 से बाहर रखने के फैसले पर अपनी भड़ास निकाली है। गावस्कर ने इस फैसले पर कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़ और विराट कोहली से लेकर रवि शास्त्री को लपेट लिया है।

अश्विन को प्लेइंग-11 से बाहर रखने के फैसले पर महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी हैरानी जताई थी। उन्होंने कहा था कि टीम मैनजमैंट का ये फैसला उनके समझ से परे है।इस कड़ी में गावस्कर ने एक कॉलम में लिखा, “आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 भारतीय गेंदबाज आर अश्विन को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की प्लेइंग-XI से ड्रॉप करने का फैसला सही नहीं था। ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास 5 बाएं हाथ के बैटर्स थे और जबकि एक बाएं हाथ के खिलाड़ी ट्रेविस हेड मौजूद थे, जिन्होंने पहली पारी में शतक जड़ा था, दूसरे बाएं हाथ के बल्लेबाज एलेक्स कैरी ने पहली पारी में 48 और दूसरी में नाबाद 66 रन ठोके थे। इस दौरान अश्विन के साथ जैसा बर्ताव हुआ ऐसा किसी के सा नहीं हुआ।”

उन्होंने आगे लिखा कि अगर अश्विन टीम में होते, तो कुछ भी हो सकता था। अश्विन बल्ले से योगदान देते हुए भी नजर आ सकते थे। मैं पक्के तौर पर कह सकता हूं कि अगर उसे मौका मिलता तो जरूर भारत की स्थिति ऐसी नहीं होती।