नईदिल्ली : दिल्ली पुलिस ने गुरुवार (15 जून) को कोर्ट में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर चार्जशीट दायर की. पुलिस ने अदालत से सिंह पर लगे पॉक्सो एक्ट हटाने की सिफारिश की है.
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अपना आंदोलन स्थगित किया हुआ, लेकिन चार्जशीट के बाद खिलाड़ियों का अगला कदम क्या होगा इसको लेकर उन्होंने कुछ साफ नहीं किया है. इसी बीच पहलवान साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने आंदोलन को लेकर तमाम सवालों के जवाब शनिवार (17 जून) को दिए.
बबीता फोगाट को लेकर क्या कहा?
सत्यव्रत कादियान और साक्षी मलिक ने वीडियो जारी कर कहा कि हमारे आंदोलन को लेकर आरोप लगाया जाता है कि ये राजनीति से प्रेरित है. कई लोग कहते हैं कि कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने आंदोलन के लिए उकसाया है, लेकिन हमने सबसे पहले जनवरी में जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया था. इस प्रदर्शन को लेकर जंतर-मंतर थाने पर अनुमति बीजेपी नेता तीर्थ राणा और बबीता फोगाट ने ली थी.
पहलवान इतने दिनों तक चुप क्यों रहे?
कादियान ने कहा कि हमारी लड़ाई सरकार से नहीं है, वहीं साक्षी मलिक ने कहा कि कहा जाता है कि इतने दिन हम चुप क्यों थे. इसका कारण हमारे में एकता नहीं थी उन्होंने दावा किया कि नाबालिग ने बयान इस कारण बदला क्योंकि उनके परिवार को डराया गया. भारत के शीर्ष पहलवानों ने मिलकर आवाज उठाई, लेकिन इसके बाद भी आपने देखा कि क्या-क्या हुआ.
कादियान ने आगे बताया कि महिला महापंचायत हमने नहीं बुलाई थी वो खाप पंचायत ने बुलाई थी. हमें बाद में पता चला कि 28 मई को नई संसद का उद्घाटन भी है. हमें जबरदस्ती जंतर-मंतर से हटा दिया गया. उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा, चंद्रशेखर आजाद और पूर्व राज्यपाल सत्यपाल सहित कई संगठनों का धन्यवाद किया.
चार्जशीट में क्या-क्या है?
बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पीछा करने के मामले में दायर करीब 1500 पन्नों के आरोप पत्र में सभी छह महिला पहलवानों के विस्तृत बयान साक्ष्यों के साथ हैं.
एक पुलिस सूत्र ने कहा, ‘‘मामले में सभी छह महिला शिकायतियों ने विस्तार से अपने बयान दर्ज कराये और हमने समर्थन करने वाले साक्ष्य जुटाये हैं जो कॉल डिटेल रिकॉर्ड (पिछले साल से उपलब्ध), तस्वीरें और वीडियो के रूप में हैं और चार्जशीट का हिस्सा हैं.’’