छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : बस्तर में जापानी बुखार की एंट्री, एक ही परिवार के तीन बच्चे हुए बीमार, डेढ़ साल के मासूम को 48 घंटे रखा गया वेंटिलेटर में, अब ठीक

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में बस्तर के बीजापुर जिले में जापानी बुखार की एंट्री हो गई है। एक ही परिवार के 3 सगे भाई-बहन जापानी बुखार की चपेट में आए हैं। इनमें से एक डेढ़ साल के मासूम की स्थिति काफी नाजुक थी, जिसे करीब 48 घंटे तक वेंटिलेटर में रखा गया था। तीनों बच्चों का 18 दिन तक जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में इलाज चला। फिलहाल तीनों मरीज ठीक हो गए हैं जिन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है।

मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक अनुरूप साहू ने बताया कि, ये तीनों बच्चे बीजापुर जिले के भैरमगढ़ के सबसे अंदुरूनी क्षेत्र पिनकोड़ा के रहने वाले हैं। इलाके के रहने वाले मन्नू के तीन बच्चे जिनमें एक ढेड़ साल का राहुल, रविन्द्र (03) और रुश्मा (06) कुछ दिनों से बीमार थे। 8 जून को इन्हें बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया था। जिन्हें मलेरिया की शिकायत थी। जांच में पता चला कि इसे जापानी बुखार भी है। जिसके बाद इन्हें फौरन एंबुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज लाया गया।

इनमें डेढ़ साल के राहुल को सांस लेने में तकलीफ, खून की कमी थी। जिसे फौरन वेंटिलेटर में रखा गया। 48 घंटे तक वेंटिलेटर में रखा गया था। इसके अलावा अन्य दोनों बच्चों को भी भर्ती किया गया। अधीक्षक अनुरूप साहू ने बताया कि, डॉक्टर डी आर मंडावी, डॉक्टर मधुराधा राठौर के अलावा स्टाफ नर्स की निगरानी में ये तीनों बच्चे थे। 18 दिनों तक तीनों का इलाज चला। जिसके बाद अब वे ठीक हो गए हैं। जिन्हें डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया है।

इसलिए कहते हैं जापानी बुखार

जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस या एलर्जी एक मच्छर जनित फ्लेवीवायरस है जो मच्छरों के काटने से फैलता है। इसके चपेट में आने के बाद मरीज के ब्रेन में सूजन आ जाती है। जिससे मौत का जोखिम बहुत बढ़ जाता है। इसे जापानी इंसेफेलाइटिस इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि 1871 में पहली बार इस वायरस का मामला जापान में दर्ज किया गया था।