छत्तीसगढ़

नहीं थम रहा ईशान-श्रेयस को अनुबंध से निकालने का विवाद, अब साहा ने कहा- आप जबरदस्ती नहीं कर सकते

नईदिल्ली : भारत के अनुभवी विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने कहा कि अगर कोई क्रिकेटर घरेलू क्रिकेट नहीं खेलना चाहता है तो कुछ भी ‘जबरदस्ती’ नहीं किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि घरेलू क्रिकेट एक अच्छे खिलाड़ी बनने का आधार है और हर किसी को सफल होने के लिए इसे पर्याप्त महत्व देना चाहिए। साहा की यह प्रतिक्रिया ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को 2023-24 सत्र के लिए बीसीसीआई की वार्षिक केंद्रीय अनुबंध सूची से बाहर किए जाने के बाद आई।

बीसीसीआई ने एक बयान में कहा था कि दोनों क्रिकेटरों को लेकर वार्षिक अनुबंध के लिए विचार नहीं किया गया था। इस पर साहा ने कहा, ‘यह बीसीसीआई का फैसला है और संबंधित खिलाड़ियों का निजी फैसला है। जबरदस्ती आप कुछ नहीं कर सकते या किसी को खेलने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।’ ये दोनों कुछ समय पहले तक भारतीय टीम का हिस्सा थे। दोनों पिछले साल वनडे विश्व कप भी खेलते दिखे थे। किशन पिछली बार दिसंबर में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान टेस्ट टीम का हिस्सा थे, जबकि अय्यर ने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज के पहले दो टेस्ट खेले।

साहा ने कहा कि एक क्रिकेटर को एक मिसाल पेश करते हुए हर मैच को समान महत्व देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं फिट होता हूं तो हर तरह के मैच खेलता हूं, यहां तक कि मैं क्लब मैच, ऑफिस मैच भी खेलता हूं। मैं हमेशा घरेलू मैच को भी एक बड़े मैच की तरह लेता हूं। मेरे लिए सभी मुकाबले बराबर हैं। अगर हर खिलाड़ी इस तरह से सोचता है, तो वे केवल अपने करियर में निखार लाता है और यह भारतीय क्रिकेट के लिए भी बेहतर होगा।’

उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि घरेलू क्रिकेट की अहमियत हमेशा रही है क्योंकि अगर मैं सरफराज खान की बात करूं तो उन्होंने पिछले चार-पांच साल में काफी रन बनाए हैं। निश्चित रूप से उन्होंने प्रदर्शन किया है।’ साहा ने युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल की बल्लेबाजी को शानदार करार दिया। जुरेल ने तीसरे टेस्ट में टेस्ट डेब्यू पर 46 रन बनाए और इसके बाद रांची में चौथे टेस्ट में 90 और 39 नाबाद के स्कोर के साथ प्लेयर ऑफ द मैच बने।

साहा ने कहा, ‘मैंने उन्हें (जुरेल) घरेलू क्रिकेट में कभी नहीं देखा और न ही टेस्ट मैचों में मैंने उन्हें खेलते देखा है, लेकिन उनकी बल्लेबाजी शानदार है। उन्होंने टीम के लिए आखिरी टेस्ट जीता।’ साहा को यह भी लगता है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है क्योंकि इसकी बेंच स्ट्रेंथ एक बार फिर घरेलू सर्किट के महत्व को दिखाती है। उन्होंने कहा, ‘यह देखना हमेशा अच्छा होता है कि जब भी किसी को मौका मिलता है तो आपकी रिजर्व बेंच तैयार रहती है।’

उन्होंने कहा, ‘कुछ खिलाड़ियों को मौका मिल रहा है, लेकिन वे खेलना नहीं चाहते जो कि उन्हें नहीं करना चाहिए। जब भी आपको खेलने का मौका मिलता है, तो आपको खेलना चाहिए चाहे वह लाल गेंद हो या सफेद गेंद। साहा ने 40 टेस्ट खेले और 1353 रन बनाए। वह विकेट के पीछे 104 आउट शिकार किए, जिनमें 92 कैच और 12 स्टंपिंग शामिल हैं।