नई दिल्ली: भारत के पूर्व विश्व विजेता कप्तान कपिल देव भी बीसीसीआई के नए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की बहस में कूद पड़े हैं। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को लेकर बीसीसीआई ने जो फैसला लिया है उसका कपिल देव ने समर्थन किया है। कपिल देव ने कहा कि कुछ खिलाड़ियों को तकलीफ होगी तो होने दो, लेकिन देश से बढ़कर कुछ नहीं होना चाहिए। उन्होंने घरेलू क्रिकेट के महत्व को बनाए रखने के लिए बीसीसीआई के इस कदम को जरूरी बताया।
कपिल देव ने कहा, ‘मुझे दुख था कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्थापित होने के बाद खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट को छोड़ रहे थे।’ बीसीसीआई ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की घोषणा करते समय खिलाड़ियों से घरेलू प्रतियोगिताओं को भी महत्व देने का आग्रह किया था।
25 साल के खिलाड़ी ईशान किशन नेशनल टीम में नहीं होने के बाद भी खुद को रणजी ट्रॉफी से किनारा कर लिया और वह अपनी घरेलू टीम झारखंड के लिए मैदान पर नहीं उतरे थे। रणजी ट्रॉफी में खेलने के बजाय ईशान 22 मार्च से शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग 2024 की तैयारियों में जुट गए थे। आईपीएल में ईशान किशन मुंबई इंडियंस के लिए के खेलते हैं। ईशान किशन के इसी रवैये को लेकर मामला तूल पकड़ लिया और इसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया।
दूसरी ओर श्रेयस अय्यर इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के बाद भारतीय टीम से बाहर होने के बाद बड़ौदा के खिलाफ मुंबई के रणजी क्वार्टर फाइनल के लिए उपलब्ध नहीं हुए। हालांकि उन्हें 2 मार्च से शुरू हो रहे तमिलनाडु के खिलाफ मुंबई के रणजी सेमीफाइनल के लिए चुना गया है।
घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलने वालों को लेकर कपिल देव ने निशाना साधते हुए कहा कि यह स्थापित खिलाड़ियों का कर्तव्य है कि वे घरेलू क्रिकेट खेलें क्योंकि उनकी सफलता उनके संबंधित राज्यों के लिए भी है। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा इस प्रक्रिया में विश्वास करता हूं कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपने संबंधित राज्यों के लिए खेलने के लिए उपलब्ध हों। इससे उन्हें घरेलू खिलाड़ियों को अपना समर्थन देने में मदद मिलती है। साथ ही यह राज्य संघ द्वारा खिलाड़ी को तैयार करने के लिए दी गई सेवाओं के लिए वापस भुगतान करने का एक अच्छा तरीका है।’