छत्तीसगढ़

विवादित बयान देने वाले इन चार सांसदों का कटा टिकट, बीजेपी की खूब हुई थी किरकिरी…

नईदिल्ली : बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए पहली लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें 195 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. करीब तीन दर्जन सांसदों के टिकट काटे गए हैं, जबकि दर्जनों नए चेहरों को मौका मिला है. इसके अलावा ओबीसी, एससी और एसटी समाज के लोगों को भी भरपूर मौका दिया गया है. बीजेपी ने महिला उम्मीदवारों पर भी भरोसा जताया है और कुल मिलाकर पहली लिस्ट में 28 महिला उम्मीदवार शामिल हैं.

हालांकि, लिस्ट सामने आने के बाद सबसे ज्यादा उन सांसदों की चर्चा हो रही है, जिनके टिकट काटे गए हैं. इन सांसदों में भी चार सांसद ऐसे हैं, जिनके बयानों और गतिविधियों की वजह से वे खुद तो विवादों में फंसे ही, साथ ही साथ बीजेपी की भी खूब किरकिरी हुई. इन सांसदों में प्रज्ञा ठाकुर, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, रमेश बिधूड़ी और जयंत सिन्हा शामिल हैं. .

भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर उन सांसदों में शामिल हैं, जिनका टिकट काटा गया है. उनकी जगह बीजेपी ने आलोक शर्मा को भोपाल सीट से टिकट दिया है. प्रज्ञा ठाकुर सांसद बनने के बाद से ही विवादों में फंसी रही हैं. 2019 चुनाव से पहले उन्होंने उस वक्त विवाद खड़ा कर दिया, जब उन्होंने महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) चीफ हेमंत करकरे को रावण और कंस बता दिया. हेमंत करकरे मुंबई आतंकी हमले में देश की सुरक्षा करते हुए शहीद हुए थे.

प्रज्ञा ठाकुर को उनके इस बयान के लिए चुनाव आयोग ने नोटिस भी भेजा था. इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को शहीद बता दिया था. इसे लेकर भी काफी विवाद हुआ. हालांकि, प्रज्ञा ने इसके लिए माफी भी मांग ली, लेकिन विवाद थमा नहीं. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कह दिया था कि वह इस अपमान के लिए प्रज्ञा ठाकुर को कभी दिल से माफ नहीं करेंगे. उनके बयानों की वजह से बीजेपी ने उनसे दूरी बनाना शुरू कर दिया था.

दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने दानिश अली को लेकर संसद में विवादित टिप्पणी की थी. चंद्रयान-3 मिशन को लेकर हो रही चर्चा के दौरान बिधूड़ी ने दानिश को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया. इसे लेकर उनकी खूब आलोचना की गई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिधूड़ी के बयान पर खेद व्यक्त किया था, जबकि बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. संसद के रिकॉर्ड से बिधूड़ी के बयान को हटा दिया गया था.

पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा की जगह बीजेपी ने कमलजीत सेहरावत को टिकट दिया है. पिछले साल परवेश वर्मा ने एक खास समुदाय के ‘आर्थिक बहिष्कार’ की मांग कर दी. वर्मा ने पिछले साल 9 अक्टूबर को पूर्वी दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों की स्थानीय यूनिट के जरिए आयोजित ‘विराट हिंदू सभा’ ​​नामक एक सभा के दौरान विवादित बयान दिया था. इसे लेकर उनकी खूब आलोचना भी की गई थी.

हजारीबाग लोकसभा सीट से बीजेपी ने जयंत सिन्हा की जगह इस बार विधायक मनीष जायसवाल को टिकट दिया है. उन्होंने टिकट कटने से पहले ही ट्वीट कर कहा था कि वह चुनावी दायित्वों से आजादी चाहते हैं. जयंत सिन्हा उस वक्त विवादों में फंस गए थे, जब उन्होंने कहा था कि उन्होंने और कुछ अन्य बीजेपी नेताओं ने झारखंड के रामगढ़ में मीट व्यापारी की लिंचिंग के आरोपियों की कानूनी फीस का भुगतान किया था. आरोपियों के बेल पर बाहर आने पर वह उनका स्वागत करते हुए देखे गए थे.