छत्तीसगढ़

हाईकोट में जस्टिस का पद छोड़ राजनीति में कदम! TMC की चुनौती स्वीकार, क्या बोले जस्टिस अभिजीत?

कोलकाता : कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने फिलहाल ये निर्णय नहीं लिया है कि वे किस पार्टी में शामिल होंगे लेकिन उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। सोमवार को वे अंतिम दिन कोलकाता हाईकोर्ट में अपनी ड्यूटी पर रहें। जस्टिस ने कहा है कि इसके बाद अगले दिन मंगलवार को वे अपना त्याग पत्र मंगलवार को राष्ट्रपति के भेज देंगे।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने रविवार को न्यायपालिका से अपने इस्तीफे की घोषणा की और कहा कि वह राजनीति में शामिल होंगे। पद से छोड़ने की घोषणा को लेकर जब न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय से एक इंटरव्यू में इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें टीएमसी ने नेताओं ने कई बार चुनावी मैदान में आने और लड़ने की चुनौती दी थी। बार- बार चुनौती मिलने के बाद अब उन्होंने राजनीति में कदम रखने का निर्णय लिया है।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा, “लोकसभा चुनाव के लिए मेरी उम्मीदवारी के बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन मुझे राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने की चुनौती देने के लिए मैं पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी को धन्यवाद देना चाहता हूं।”

बता दें कि सितंबर 2023 में टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय को उस वक्त चुनौती दी थी जब उन्होंने कोविड मुआवज़े पर एक मामले की सुनवाई करते हुए फैसला दिया था। जज ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “अवैध शराब पीने से मरने पर किसी को 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है। कोविड से मरने पर कितना मिलता है? क्या किसी को पैसा दिया जाता है? भतीजा है जिसका चार मंजिला घर है। घर की कीमत एक करोड़ है। इतना पैसा कहां से आता है?”

इस फैसले पर टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, कि न्यायाधीश के पद से गंगोपाध्याय को इस्तीफा दे देना चाहिए और राजनीति में शामिल होना चाहिए। बता दें कि इससे पहले से ही टीएमसी पिछले कुछ सालों से शिकायत करती रही है कि जस्टिस गंगोपाध्याय कुछ मामलों में पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं।