नईदिल्ली : उत्तर प्रदेश में गुरुवार को जुर्म की दुनिया के बेताज बादशाह का अंत हो गया। बांदा जेल में कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इसके साथ ही उसके जुर्म का अध्याय भी समाप्त हो गया। उसने तो कई संगीन जुर्म किए। उसमें से एक लाइट मशीन गन को लेकर पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने बड़ा खुलासा किया है।
शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि 20 साल पहले 2004 में मुख्तार अंसारी का साम्राज्य चरम पर था। वह उन इलाकों में खुली जीप में घूमता था, जहां कर्फ्यू लगा हुआ था। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय को मारने के लिए उसने एक करोड़ रुपये में लाइट मशीन गन खरीदने की डील की थी। फोन रिकॉर्डिंग कर उसी समय मैंने लाइट मशीन गन बरामद की थी, इससे पहले कोई बरामदगी नहीं हुई थी, ना ही उसके बाद हुई। उन्होंने कहा कि मैंने उन पर पोटा भी लगाया था। लेकिन मुलायम सिंह यादव सरकार उन्हें किसी भी कीमत पर बचाना चाहती थी।
सपा सरकार ने माफिया को दिया संरक्षण
इसके लिए उन्होंने अधिकारियों पर दबाव डाला, आईजी-रेंज, डीआईजी और एसपी-एसटीएफ का तबादला कर दिया। यहां तककि मुझे 15 दिनों के भीतर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। लेकिन मैंने अपने इस्तीफे में अपना कारण लिखा और जनता के सामने रखा कि यह वही सरकार है जिसे आपने चुना है। जो माफियाओं को संरक्षण दे रही है और उनके आदेश पर काम कर रही है। मैं किसी पर एहसान नहीं कर रहा था। मैं बस अपना कर्तव्य का पालन कर रहा था।