छत्तीसगढ़

हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड: जेल में ये किताब पढ़ेंगे केजरीवाल, क्या है इसका बीजेपी प्रधानमंत्री से कनेक्शन!

नईदिल्ली : आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। तिहाड़ जेल में उन्होंने तीन किताबें पढ़ने के लिए मांगी है। केजरीवाल तिहाड़ में रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता और ‘How Prime Ministers Decide’ किताब पढ़ेंगे।

How Prime Ministers Decide’ इसके बाद से सुर्खियों में है। इस किताब की ऑथर पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार नीरजा चौधरी हैं। लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिर जेल में केजरीवाल ‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ किताब को ही क्यों पढ़ना चाहते हैं।

बता दें कि इस किताब का भाजपा के ‘प्रधानमंत्री’ से भी गहरा कनेक्शन रह चुका है। आइए जानतें हैं इस किताब में क्या खास है?

हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ किताब की अहम बातें?

‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ की ऑथर अनुभवी पत्रकार नीरजा चौधरी भारत की बेहतरीन राजनीतिक पत्रकारों और टिप्पणीकारों में से एक हैं। वह लगभग पांच दशकों से देश में राजनीतिक विकास को कवर कर रही हैं।

इस किताब में पूरी प्रक्रिया के बारे में बात की गई है जिसमें प्रधानमंत्री की स्थिति को बताया गया है। इस किताब में लेखिका नीरजा चौधरी ने भारत के प्रधानमंत्रियों के फैसलों पर गहन बात लिखी है, उन्होंने ये बताने की कोशिश की है कि कैसे उन्होंने अपने फैसलों से देश के इतिहास की दिशा बदल दी।

इस किताब में 1975 से 2014 तक के भारत के रहे 6 प्रधानमंत्रियों के अहम फैसलों का जिक्र है। इस किताब में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वी.पी. सिंह, पी.वी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के लिए गए फैसलों का जिक्र है।

इस किताब में नीरजा चौधरी ने इन छह प्रधानमंत्रियों के अहम फैसलों और उनके कामकाज की कहानी को स्पष्ट रूप से बताई है।

किताब में नीरजा चौधरी ने जिन अहम फैसलों का जिक्र किया है, वो इस प्रकार हैं…

1977 में अपनी हार के बाद 1979 में जनता पार्टी को तोड़ने और 1980 में सत्ता में वापसी के लिए इंदिरा गांधी ने जो रणनीति अपनाई थी। शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने में राजीव गांधी की गलती और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं के साथ उनकी बातचीत ने अंततः भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने का रास्ता खोला।

वी.पी. सिंह ने अपनी सरकार बचाने के लिए मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की, जिसने समकालीन राजनीति का चेहरा बदल दिया था।पी.वी. नरसिम्हा राव का वह फैसला जिसके बाद बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ।

अटल बिहारी वाजपेयी के परमाणु उपकरणों के परीक्षण वाले फैसले ने भारत को इस क्षेत्र में नई दिशा दी।मनमोहन सिंह, जिन्होंने अमेरिका के साथ एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर मुहर लगाया था।कुल मिलाकर ये किताब देश के इन छह प्रधानमंत्रियों के बड़े फैसले और इस फैसले से देश में क्या-क्या बदला, और इनके काम करने के तरीकों का विश्लेषण किया है।