छत्तीसगढ़

विजेंदर सिंह ने क्यों छोड़ी कांग्रेस, भाई मनोज ने बताई पूरी सच्चाई, इस टिकट पर फंसा था पेंच

नईदिल्ली : अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंदर सिंह ने पांच साल तक कांग्रेस में रहने के बाद अब भाजपा का दामन थाम लिया। मूल रूप से भिवानी जिले के गांव कालुवास निवासी ओलंपिक पदक विजेता बॉक्सर विजेंदर सिंह ने खेल से सीधी सिसायत में हिस्सेदारी कांग्रेस के साथ की थी।

विजेंदर सिंह ने 2019 लोकसभा चुनाव कांग्रेस टिकट पर साउथ दिल्ली से लड़ा था। उस समय भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 687014 वोट मिले और आप के राघव चड्ढा 319971 वोट लेकर दूसरे तो विजेंदर कांग्रेस से 164613 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे। भिवानी शहर से मात्र छह किलोमीटर दूर गांव कालुवास में 29 अक्तूबर, 1985 को महिपाल सिंह बेनीवाल के घर जन्मे विजेंदर सिंह बीजिंग ओलंपिक में पहले पदक विजेता मुक्केबाज रहे हैं। उनके पिता महीपाल हरियाणा रोडवेज में बस चालक थे।

बड़े भाई मनोज बैनीवाल का कहना है कि विजेंदर सिंह ने मुक्केबाजी और प्रोफेसनल मुक्केबाजी में बड़ा नाम कमाया है। इसके बाद ही वे कांग्रेस के टिकट पर साउथ दिल्ली में पार्टी में शामिल होते ही सीधे चुनावी मैदान में भी उतर गए थे। अब कांग्रेस पार्टी में पिछले पांच साल से थे।मनोज बैनीवाल का कहना है कि विजेंदर ने कांग्रेस से हरियाणा में हिसार लोकसभा क्षेत्र से टिकट मांगा था, मगर नहीं दिया। इसके बाद ही उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया है। मनोज बैनीवाल से पूछा कि अब उन्हें कहां से टिकट मिलेगा तो उनका कहना था कि अभी इस बारे में कुछ तय नहीं है।