छत्तीसगढ़

आप नेता आतिशी का बड़ा आरोप- जेल में अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश रची जा रही है

नईदिल्ली : दिल्‍ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री केजरीवाल की एक याचिका पर ईडी ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। जिसमें ईडी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल जेल में आम और मिठाई खा रहे हैं ताकि वो अपनी खराब सेहत के हवाले से जमानत हासिल कर सके। ईडी के इस आरोप पर आम आदमी पार्टी आग-बबूला हो चुकी हैं।

कोर्ट में केजरीवाल पर ईडी द्वारा लगाए इस आरोप के बाद आतिशी ने गुरुवार को प्रेस कान्‍फ्रेंस की जिसमें उन्‍होंने आरोप लगाया कि भाजपा के दबाव में ईडी केजरीवाल पर झूठे आरोप लगा रही है। केजरीवाल को तिहाड़ जेल में वो ही खाना दिया जा रहा है जो उनके डाइट चार्ट में लिखा है। जिसकी कापी कोर्ट में जमा है। उन्‍होंने कहा एक षणयंत्र के तहत अरविंद केजरीवाल की जान लेने की कोशिश की जा रही है।दिल्‍ली सरकार की मंत्री ने कहा केजरीवाल को गंभीर शुगर की बीमारी है। वो अपने शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए हर दिन 54 यूनिट इंसूलिन लेते हैं।

उन्‍होंने कहा सबको पता है कि इंसुलिन की इतनी यूनिट वो ही मरीज लेते हैं जिन्‍हें गंभीर शुगर होता है, ऐसे मरीज को क्‍या खाना है और कौन से व्‍यायाम करने हैं ये सभी कुछ निर्धारित होता है। ये ही वजह है कि कोर्ट ने उन्‍हें घर का बना खाना खाने की इजाजत दे दी है लेकिन भाजपा ईडी की मदद से केजरीवाल की सेहत खराब करने की कोशिश कर रही है। उनको हर दिन मिलने वाले घर के बने खाने को बंद करना चाह रही है। उन्‍होंने कहा केजरीवाल पर मीठी चाय पीने और मिठाई खाने का आरोप सरासर झूठ है।

आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा चाहती है कि किसी भी तरह से उनका घर का खाना बंद कराया जाए और फिर उन्‍हें जेल का ही खाना खिलाकर उनके स्‍वास्‍थ्‍य का खिलवाड़ किया जाए।

उन्‍होंने कहा अरविंद केजरीवाल का पिछले कई दिनों से शुगर लेवल 300 से अधिक जा रहा है। केजरीवाल अधिकारियों से बार-बार इंसूलिन देने की बात कह रहे हैं लेकिन उनकी एक भी नहीं सुनी जा रही है।

आतिशी ने कहा कई दिनों से केजरीवाल का शुगर लेवल 300 पार जा रहा है। वह जेल अधिकारियों से बार-बार इंसुलिन देने की बात कह रहे हैं, लेकिन वे नहीं सुन रहे हैं। भगवान भी आपको माफ नहीं करेगा। आतिशी ने कहा वकीलों का कहना है कि भले ही केजरीवाल को जेल से बाहर नहीं भेजा जाए लेकिन उन्‍हें डॉक्‍टरों की सलाह पर ट्रीटमेंट किया जाए।