छत्तीसगढ़

देश में पहली बार: एम्स में हुआ सबसे छोटे बच्चे का एन-ब्लॉक किडनी ट्रांसप्लांट, खून की नस भी बदली गई

नईदिल्ली I अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में देश के सबसे छोटे बच्चे का एन-ब्लॉक किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। यह काफी चुनौतीपूर्ण था, जिसमें दोनों किडनी के साथ खून की नस भी बदली गई, ऐसा देश में पहली बार हुआ है। दरअसल बच्चा लंबे समय से किडनी रोग से परेशान था। पिछले एक-डेढ़ साल से बच्चे की डायलिसिस हो रही थी, लेकिन स्थिति खराब होने के बाद बच्चे की किडनी बदलने का फैसला लिया गया।

16 माह के बच्चे से मिले किडनी का पांच साल के बच्चे में ट्रांसप्लांट करना काफी मुश्किल था, इसे देखते हुए एम्स ने ट्रांसप्लांट के लिए टीम का गठन किया। इसमें सर्जिकल विभाग से डॉ. मंजूनाथ मारुति पोल और उनकी टीम शामिल हुई। वहीं ट्रांसप्लांट की मदद के लिए प्रो. संदीप अग्रवाल (सर्जरी यूनिट-2 के प्रमुख), प्रो. सीनू (किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए नोडल अधिकारी) और प्रो. सुनील चुम्बर (सर्जरी विभाग के प्रमुख) ने प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की। जबकि पेरी-ऑपरेटिव क्रिटिकल केयर की मदद बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अरविंद बग्गा और उनकी टीम द्वारा प्रदान की गई। 

इस ट्रांसप्लांट के संबंध में डॉ. मंजूनाथ पोल ने बताया कि 25 अगस्त को 16 माह के रिशांत से प्राप्त हुई किडनी को पांच साल के मास्टर में ट्रांसप्लांट करने का फैसला लिया गया। मास्टर पिछले एक-डेढ़ साल से डायलिसिस पर था। उनकी किडनी प्रभावित हो रही थी जिसे देखते ट्रांसप्लांट की एकमात्र विकल्प था। 

उन्होंने कहा कि सर्जरी के दौरान मास्टर का वजन 13 किलो था। किडनी मिलने के बाद 25 अगस्त को मास्टर की सर्जरी की गई। उन्होंने कहा कि यह सर्जरी काफी कठिन थी। प्राप्त किडनी काफी छोटी होने के कारण ट्रांसप्लांट करने में काफी दिक्कत आई। यह सर्जरी काफी लंबी चली। बच्चा अब पूरी तरह से सुरक्षित है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। 

25 अगस्त को हुई थी रिशांत की मौत 
मास्टर को किडनी देने वाले 16 माह के रिशांत की मौत 25 अगस्त को हुई थी। पांच बहनों का अकेला भाई रिशांत 17 अगस्त को खेलते हुए गिर गया था। घटना के तुरंत बाद उसे एम्स ट्रामा लाया गया। यहां जिंदगी और मौत से जुझते हुए 24 अगस्त को दम तोड़ दिया। मौत के बाद परिवार ने उसके अंगदान करने का फैसला लिया था। अब उसकी किडनी से मास्टर अपनी जिंदगी जिएगा।