छत्तीसगढ़

लाहौर से आए मेरे दोस्त के बच्चों को भी मैंने नहीं पहने देखा हिजाब, जज की टिप्पणी

नईदिल्ली I कर्नाटक हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज नौंवे दिन सुनवाई हो रही है. जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच सुनवाई कर रही है. कर्नाटक सरकार के एडवोकेट जनरल नवदगी बहस कर रहे हैं. जस्टिस गुप्ता ने कहा कि उनका (याचिकाकर्ता) तर्क यह है कि कुरान में जो कुछ भी कहा गया है वह ईश्वर का वचन और पवित्र है. कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने जवाब में कहा कि वे कुरान के विशेषज्ञ नहीं हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि कुरान का हर शब्द धार्मिक हो सकता है, लेकिन जरूरी नहीं.

सुप्रीम कोर्ट जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि मैं कुछ साझा कर सकता हूं. मैं पाकिस्तान में किसी को जानता हूं वो लाहौर हाईकोर्ट के एक जज हैं. वह भारत आते रहते हैं. उनकी एक पत्नी और दो बेटियां हैं. मैंने कम से कम भारत में उन छोटी लड़कियों को हिजाब पहने हुए कभी नहीं देखा. कर्नाटक एडवोकेट जनरल ने कहा कि कुरान में लिखा हर शब्द धार्मिक हो सकता है पर जरूरी नहीं कि उसे अनिवार्य धार्मिक परंपरा मान लिया जाए. इस्लाम में बहुत सी महिलाएं हैं जो हिजाब नहीं पहनती इसका मतलब ये नहीं कि वो इस्लाम को कम मानने वाली हैं. फ्रांस और तुर्की में हिजाब पर बैन है.

जस्टिस गुप्ता की टिप्पणी

एडवोकेट जनरल ने कहा कि मेरी जानकारी में भी ज़्यादातर महिलाएं हिजाब नहीं पहनती हैं. जस्टिस गुप्ता ने कहा कि मैं यूपी और पटना में जब जाता हूं. कई मुस्लिम परिवारों से बातचीत होती है. मैंने किसी महिला को हिजाब पहने नहीं देखा. कर्नाटक एडवोकेट जनरल ने कहा कि एक दलील ये भी दी गई थी कि यदि आप इसका पालन नहीं करते हैं, तो आप जवाबदेह होंगे. जो कि बहुत सामान्य बात है. ये बातें किताबों में ही ठीक हैं. कर्नाटक के एडवोकेट जनरल ने कहा कि तथ्य यह है कि हिजाब ना पहनने के लिए भी नहीं कहा जा सकता है और ना ही इसे पहनने के लिए किसी स्रोत के आधार पर दबाव बनाया जा सकता है. कर्नाटक एजी ने कहा कि एएस नारायण दीक्षितुलु बनाम आंध्र प्रदेश के फैसले ने माना है कि ड्रेस की हर गतिविधि को धर्म के अभ्यास से नहीं जोड़ा जा सकता है.

कर्नाटक एजी ने जज को दी ये दलील

कर्नाटक एजी ने कहा कि हिजाब पहनना धार्मिक हो सकता है. क्या यह धर्म के लिए जरूरी है? हाईकोर्ट ने कहा है. जस्टिस धूलिया ने पूछा कि फिर धर्म के लिए अनिवार्य रूप से धार्मिक क्या है? कर्नाटक एजी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत जो भी संरक्षित है वही धर्म के लिए आवश्यक है.