छत्तीसगढ़

कोरोना वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज का 75 दिन का फ्री वैक्सीनेशन खत्म, महज 27% रहा कवरेज

नईदिल्ली I कोरोना वायरस के खिलाफ देश में चल रहे टीकाकरण के अभियान में सरकार की ओर से लोगों के लिए प्रीकॉशन डोज का 75 दिन तक खास अभियान चलाया गया है. इन 75 दिनों में कोरोना वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज को निशुल्क तौर पर लगाया गया. यह अभियान शुक्रवार को खत्म हो गया है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इन 75 दिनों में 15.92 करोड़ प्रीकॉशन डोज निशुल्क लगाया गया है. देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर यह अभियान जुलाई के मध्य में शुरू किया गया था.

जुलाई में जब इस फ्री प्रीकॉशन डोज का अभियान शुरू किया गया था तो उसके पहले देश में सिर्फ 8 फीसदी युवाओं को ही वैक्सीन की यह तीसरी डोज लगाई गई थी. अब यह अभियान खत्म होने पर युवाओं की ये संख्या बढ़कर 27 फीसदी हो गई है. इससे यह पता चलता है कि देश की तीन चौथाई युवा आबादी को अब भी कोरोना वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज लगनी बाकी है.

देश में बनाए गए थे 13 लाख से अधिक टीकाकरण केंद्र

देश में 75 दिन तक चले निशुल्क प्रीकॉशन डोज के इस बड़े अभियान के लिए कुल 13.01 लाख टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे. इनमें से 4451 टीकाकरण केंद्रों को धार्मिक यात्राओं के मार्ग पर लगाया गया था. ताकि बड़ी आबादी को कवर किया जा सके. साथ ही करीब 11.03 लाख टीकाकरण कैंपों को सरकारी या निजी कार्यस्थलों पर लगाया गया था. भारत में इस साल जनवरी में प्रीकॉशन डोज को लगाने की शुरुआत हुई थी. पहले इस प्रीकॉशन डोज को 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए फ्री किया गया था. इसके साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए भी इसे फ्री किया गया था. अप्रैल से सरकार की ओर से 18 साल से 59 साल तक के लोगों के लिए इसे निजी टीकाकरण केंद्रों पर लगाने के लिए इसकी कीमत तय कर दी गई थी.

राज्यों में अलग-अलग कवरेज

रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज या प्रीकॉशन डोज के आंकड़े राज्यों में अलग-अलग हैं. अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में इसका 92.10 फीसदी कवरेज है. वहीं मेघालय में इसका 6.11 फीसदी कवरेज है. केंद्र सरकार की ओर से चलाए गए 75 दिन के फ्री प्रीकॉशन डोज के अभियान के पहले ही दिल्ली में सभी युवाओं के लिए यह पहले से फ्री थी. दिल्ली में प्रीकॉशन डोज का कवरेज 19.6 फीसदी था. जबकि ओडिशा में 38 फीसदी, गुजरात में 37.7 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 28 फीसदी, बिहार में 23.4 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 22.98 फीसदी और मध्य प्रदेश में इसका कवरेज 24.4 फीसदी है.