छत्तीसगढ़

सोनिया गांधी के इशारे पर अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे खड़गे, कहा- उन्हें सुनना हमारी ड्यूटी

नईदिल्ली I कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि, वो सोनिया गांधी के कहने के बाद चुनावी मैदान में हैं. कद्दावर नेता ने बताया कि सोनिया ने उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें अपने घर बुलाया था और पार्टी की अगुवाई करने के लिए कहा. अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे कांग्रेस नेता ने बताया कि वो इसके लिए तैयार हो गए, क्योंकि गांधी परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं था.

राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता खड़गे असम में पूर्वोत्तर के कांग्रेस सदस्यों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी ने उन्हें अपने घर बुलाया और उनसे कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए कहा था. मैंने उनसे कहा कि मैं तीन नाम सुझा सकता हूं लेकिन उन्होंने कहा कि वह नाम नहीं मांग रही हैं और मुझे पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कहा है.” खड़गे ने कहा कि वह कंटीन्यूएशन और कलेक्टिव लीडरशिप में विश्वास करते हैं, और पार्टी को आगे ले जाने के लिए पार्टी के सभी सदस्यों के साथ मिलकर काम करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को खड़गे और थरूर के बीच होगा, जिसके परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

किसी को गांधी परिवार का समर्थन नहीं

मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान से माना जा रहा है कि, चुनाव में उन्हें गांधी परिवार का साथ हासिल है, जिससे वे पहले इनकार करते रहे हैं. पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए खड़गे और गांधी परिवार के नेतृत्व के विरोधी माने जाने वाले दिग्गज नेता शशि थरूर के बीच है. खड़गे के परचा भरने के बाद यह आरोप सामने आए थे कि गांधी परिवार किसी एक उम्मीदवार को अपना समर्थन दे रहा है. इससे पार्टी के चुनाव प्राधिकरण के मुखिया मधुसूदन मिस्त्री ने इनकार किया था, और साफ किया था कि चुनाव पूरी तौर से निष्पक्ष हैं.

सोनिया गांधी एक अनभवी, सुनना जरूरी- खड़गे

खड़गे ने कहा कि उनका प्राथमिक उद्देश्य ‘उदयपुर घोषणापत्र’ को लागू करना और पार्टी में ‘नया जोश’ लाना होगा. उन्होंने कहा, “मैं महिलाओं और ओबीसी, एससी और एसटी से संबंधित लोगों सहित 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को नियुक्त करूंगा.” मल्लिकार्जुन खड़गे खुद 80 साल के हैं और लंबे समय से कांग्रेस के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि “कांग्रेस को जवाहरलाल नेहरू की विरासत की रक्षा करनी है, जिसे पहले इंदिरा और राजीव गांधी ने आगे बढ़ाया था. सोनिया गांधी को सुनना हमारा कर्तव्य है, जिनके पास 20 साल तक पार्टी के शीर्ष पर रहने का अनुभव है.”