छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : गलत इंजेक्शन से 2 साल की बच्ची की मौत, सर्दी-बुखार होने पर दवाई दुकानदार ने लगाया था इंजेक्शन; पुलिस ने दर्ज किया केस

सरगुजा I सरगुजा पुलिस ने गलत इंजेक्शन लगाने से दो साल की बच्ची की मौत के मामले में मंगलवार को केस दर्ज कर लिया है। आज बच्ची के शव का पोस्टमॉर्टम भी कराया गया है। बच्ची बलरामपुर जिले के कुसमी की रहने वाली थी। पुलिस ने मामला दूसरे जिले का होने की बात कहते हुए डायरी बलरामपुर भेजने की बात कही है।

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ लखन सिंह ने बताया कि बच्ची को जब तक अस्पताल लाया गया, तब तक उसकी मौत हो गई थी। ऐसे में उसकी मौत कैसे हुई, इसका पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही पता चल सकेगा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल चौकी ने शिकायत दर्ज की है। पुलिस ने बताया कि बलरामपुर जिले के कुसमी के नीलकंठपुर के रहने वाले मनोहर राम की 2 साल की बच्ची को सर्दी-खांसी और बुखार की तकलीफ थी। उसके माता-पिता ने कुसमी में एक मेडिकल शॉप से दवा ली। मेडिकल शॉप के संचालक ने ही बच्ची को कोई इंजेक्शन भी लगा दिया। जिसके बाद बच्ची की हालत बिगड़ने लगी।

आनन-फानन में माता-पिता बच्ची को लेकर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज आए। यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद 2 साल की बच्ची को मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि गलत इंजेक्शन के कारण उनकी बच्ची की जान गई है।

गलत इंजेक्शन लगाए जाने से मौत का पहला मामला नहीं

गलत इंजेक्शन लगाए जाने से मौत होने का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले 4 अगस्त को जशपुर जिला अस्पताल में 22 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी। परिजनों ने गलत इंजेक्शन से मौत का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था। परिजनों ने कहा था कि मलेरिया टाइफाइड दोनों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इसके बावजूद नर्स ने डॉ डीके अग्रवाल के कहने पर कोई इंजेक्शन दिया था। जिसके बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी और उसने दम तोड़ दिया था।

इस साल मार्च के महीने में सरगुजा में एक 7 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। उसके परिजनों ने भी नर्स पर गलत इंजेक्शन देने का आरोप लगाया था। घटना ग्राम लखनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की थी।