छत्तीसगढ़

मुंबई ड्रग्स केस : आर्यन खान मामले की जांच में कई कमियां थीं, NCB की रिपोर्ट में खुलासा

नईदिल्ली I एंटी ड्रग्स एजेंसी को आर्यन खान से जुड़े मामले में कई खामियां मिली हैं. एनसीबी विजलेंस की स्पेशल इंक्वायरी टीम ने दिल्ली मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजी है. एनसीबी (NCB) के सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले की जांच ठीक तरह से नहीं हुई थी. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जो अधिकारी उस समय काम कर रहे थे वो अब भी काम कर रहे हैं, उनके काम में कई कमियां थी जो इस जांच के दौरान सामने आई हैं.

एनसीबी के बड़े अधिकारी ने बताया कि इस मामले में सबूतों के अभाव होने पर भी जांच की जा रही थी और मामले को आगे बढ़ाया जा रहा था. इस मामले में 65 लोगों के बयान 4 बार दर्ज किए गए हैं, इसका कारण ये है कि ये लोग अपने बयान अक्सर बदल रहे थे. इसी वजह से कई लोगों के बयान तो कैमरे में रिकॉर्ड किए गए हैं.

क्या है स्पेशल इंक्वायरी टीम की रिपोर्ट में?

इस मामले की जांच के दौरान टीम के सामने कुछ ऐसी बातें आई हैं जिससे यह पता चला कि दूसरे मामलों की जांच में भी कमियां थी. सूत्रों ने दावा किया है कि इन सभी मामलों में रिपोर्ट भेज दी गई है. एक बड़े अधिकारी ने बताया कि इन मामलों में पैसों का लेनदेन हुआ है या नहीं, इस बात की जांच की जा रही है पर इस एंगल में जांच अभी पूरी नहीं हुई है क्योंकि शिकायतकर्ता ने अपना जवाब ही बदल दिया है. 

एनसीबी अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद मिली

मामले की जांच में यह भी सामने आया कि आर्यन खान को जानबूझकर टारगेट किया गया था, पर क्यों किया गया ये अब भी पहेली है. एनसीबी की जांच टीम को इस मामले में 7 से 8 एनसीबी अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद मिली है. जिसकी विभागीय जांच की शुरुआत की गई है. इन अधिकारियों की संदेहास्पद भूमिका दो और मामलों में सामने आई है.

आर्यन खान को मिल चुकी है क्लीन चिट

इससे पहले इस साल मई में बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को एनसीबी (NCB) ने ये कहते हुए क्लीन चिट दे दी थी कि आर्यन और पांच अन्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. आर्यन खान उन 20 लोगों में शामिल थे जिन्हें पिछले साल अक्टूबर में मुंबई के एक क्रूज से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों के पास ड्रग्स भी पाए गए थे. नवंबर 2021 में, एनसीबी मुख्यालय ने समीर वानखेड़े को जांच से हटा दिया था. वानखेड़े और उनकी टीम पर गंभीर चूक का आरोप लगाया गया था.