नईदिल्ली I दुनिया के कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारत में कोरोना वैक्सीन की दूसरी ऐहतियाती खुराक को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी बूस्टर खुराक की जरूरत अभी सरकार के एजेंडे में नहीं है। इसकी वजह यह है कि कोरोना वैक्सीन की चौथी खुराक को लेकर अभी कोई भी कदम इसलिए भी नहीं उठाया जा सकता, क्योंकि देश में अधिकांश लोगों को अभी तक वैक्सीन की तीसरी खुराक नहीं मिली है।
सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा वर्तमान में उपयोग किए जा रहे टीकों के लिए दूसरे बूस्टर की उपयोगिता पर फिलहाल कोई डेटा भी उपलब्ध नहीं है। भारत ने जनवरी 2022 में एहतियाती या बूस्टर खुराक देना शुरू किया गया था। अब तक केवल 28 प्रतिशत पात्र आबादी ने ही इसका लाभ उठाया है।
सूत्रों की मानें तो कोविड टीकों की दूसरी बूस्टर खुराक की आवश्यकता अभी सरकार के एजेंडे में नहीं है और न ही इस पर चर्चा चल रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिकांश आबादी को अभी तक तीसरी खुराक नहीं मिली है। जो इसके लिए पात्र हैं, उन्हें जल्द से जल्द इसे लेना चाहिए।
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश पूरी तरह से टीकाकृत व्यक्तियों को तीसरी और चौथी बूस्टर खुराक दे रहे हैं। साथ ही उन लोगों को अतिरिक्त टीके भी लगाए जा रहे हैं, जिनकी इम्यूनिटी शुरुआती खुराकों के बाद भी मजबूत नहीं हुई है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ डॉक्टरों ने 26 दिसंबर को एक बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए चौथी खुराक पर विचार करने का आग्रह किया था। बैठक विश्व स्तर पर बढ़ते मामलों की पृष्ठभूमि के खिलाफ हुई थी। इसका फोकस विशेष रूप से चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड में कोरोना के बढ़ते मामलों पर था।
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जेए जयलाल ने कहा था कि स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में कोरोनोवायरस संक्रमित रोगियों के संपर्क में आते हैं। यह खतरनाक हो सकता है। इसका मुकाबला करने के लिए उन्हें वायरस के खिलाफ संवर्धित प्रतिरक्षा की आवश्यकता है। इस बीच देश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है। कोरोना दिशानिर्देशों को कड़ा किया जा रहा है और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।