नई दिल्ली । टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज रवि बिश्नोई ने क्रिकेट खेलने के लिए अपना करियर दांव पर लगा दिया था। 22 गज की पिच पर छा जाने की बिश्नोई को ऐसी दीवानगी थी कि उन्होंने 12वीं के एग्जाम को छोड़कर क्रिकेट को चुना। दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाजों को अपनी घूमती गेंदों पर नाच नचा रहे भारतीय स्पिनर ने इस बात का खुद खुलासा किया है।
लखनऊ सुपर जायंट्स के पॉडकास्ट पर बात करते हुए बिश्नोई ने कहा, “मैंने अपने 12वीं के बोर्ड एग्जाम छोड़ दिए थे, ताकि मैं राजस्थान रॉयल्स टीम के साथ बतौर नेट गेंदबाज जुड़ सकूं। मेरे पिता ने मुझे कॉल करके गुस्से में वापस आने का कहा था, लेकिन कोच के अनुसार मुझे हर हाल में टीम के साथ रहना था। इसके बाद मैंने उस साल बोर्ड एग्जाम को छोड़ने का फैसला किया। हालांकि, मैंने अगले साल एग्जाम दे दिए थे।”
क्रिकेट के लिए परिवार को मनाना नहीं था आसान
लेग स्पिन गेंदबाज ने बताया कि पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट पर फोकस करने के लिए परिवार को मनाना उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने कहा, “मैंने 10 साल की उम्र में क्रिकेट एकेडमी जॉइन की और जब मैं 15 साल का हुआ तो मैंने पढ़ाई से दूर रहने का फैसला किया। पढ़ाई करते हुए मुझे क्रिकेट पर फोकस करने का समय नहीं मिल रहा था।”
बिश्नोई ने आगे कहा, “माता-पिता को मनाना काफी मुश्किल था। मेरे कोच ने बाद में मेरे टैलेंट को देखते हुए मेरे पिता से कहा कि मुझे क्रिकेट खेलना जारी रखने दें।” रवि बिश्नोई ने भारत के लिए फरवरी 2022 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था। वह भारत के लिए अबतक 10 टी-20 इंटरनेशनल और एक वनडे खेल चुके हैं। इस दौरान स्पिन गेंदबाज ने कुल 17 विकेट अपने नाम किए हैं।