नई दिल्ली । शाहबाद डेयरी इलाके में साक्षी की चाकू से ताबड़तोर वार कर हत्या के मामले में पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में पता चला है कि लड़की के सिर पर भारी वस्तु से हमला करने पर उसकी खोपड़ी फट गई थी। पुलिस पोस्टमॉर्टम की पूरी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
किए थे 34 वार
दिल्ली पुलिस ने कि आरोपी मोहम्मद साहिल(20) ने शाहबाद डेयरी इलाके के बी ब्लॉक में साक्षी(16) की रविवार रात को चाकू से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी थी। इस दौरान उसके शरीर पर 34 बार चाकू से वार किया गया था। इसके बाद उसके सिर पर पत्थर से वार किया।
हत्या के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया और बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) में अपनी बुआ के घर जाकर छिप गया। दिल्ली पुलिस की एक टीम ने उसे सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि कई दिनों से साक्षी ने उससे बात करनी बंद कर दी थी। रविवार रात साहिल का लड़की से आमना-सामना हो जाने पर उसने चाकू निकाल बेरहमी से मारना शुरू कर दिया।
इस समय हुई घटना
नाबालिग अपनी दोस्त भावना के साथ जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने के लिए जा रही थी। किशोरी की भावना नहाने के लिए सार्वजनिक शौचालय में चली गई। इस दौरान साक्षी भावना के घर के बाहर खड़ी थी। तभी एक युवक आया व साक्षी से बात करने लगा और बात ही बातों में उसने जेब से चाकू निकाला व साक्षी के पेट पर ताबड़तोड़ कई वार कर दिए, जिससे उसकी मौत हो गई।
साहिल को फांसी की सजा देने की मांग
साक्षी के परिवार ने आगे कहा कि मेरी मांग है कि जैसे उसने मेरी बेटी को मारा है, वैसे ही उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि फिर से ऐसा कोई न कर सके। नाबालिग के पिता ने आरोपी साहिल को फांसी की सजा देने की मांग की है। वहीं लड़की मां ने बताया कि मेरी बेटी को कई बार चाकू मारा गया, उसके सिर के टुकड़े भी किए गए। हम आरोपी के लिए कड़ी सजा की मांग करते हैं।
क्या बोले मकान मालिक?
आरोपी साहिल के मकान मालिक रामफूल ने बताया कि वो पिछले दो साल से अपनी तीन बहनों और माता-पिता के साथ यहां रह रहा था। उनके पिता का नाम सरफराज है। यहां मोहल्ले में उसका कभी किसी से झगड़ा नहीं हुआ। मैंने आज सुबह घटना का वीडियो देखा था।
एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष का आया बयान
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि कोई अशिक्षित व्यक्ति भी इतना निर्दयी नहीं हो सकता कि किसी की इतनी निर्मम हत्या कर दे। समाज के सोच में बहुत कमी आ रही है और उस पर काम करने की जरूरत है। वे जैसे सामाजिक माहौल में पला, वैसी ही उसकी सोच बनी। आजकल के समाज की स्थिति सोचने वाली है, परिवारों को सोचना चाहिए कि अपने लड़को को कैसे पालें कि वे किसी की हत्या न करें।