नईदिल्ली : जम्मू कश्मीर चुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार (6 जून) को कहा कि ये लोगों का अधिकार है. एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर मेंं कहा, ”मैंने बार-बार कहा कि हम भूखे नंगे नहीं हैं कि हम इनके (केंद्र सरकार और चुनाव आयोग) सामने भीख मांगें कि इलेक्शन कराओ. चुनाव हमारा हक है. इनको (केंद्र सरकार) जम्मू कश्मीर के लोगों का हक छीनकर तसल्ली मिलती है तो करें.”
अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव आयोग को लोगों को बताना चाहिए है कि वो इलेक्शन क्यों नहीं करा पा रहा? क्या चुनाव आयोग पर दवाब है? अब्दुल्ला ने आगे कहा कि इलेक्शन कमीशन से सवाल किया जाना चाहिए है कि वो चुनाव कब करा रही है?
जम्मू कश्मीर की स्थिति को लेकर क्या कहा?
अब्दुल्ला ने आर्मी कमांडर के बयान का हवाला देते हुए बताया कि उन्होंने कहा था कि ये सही समय नहीं है कि जम्मू कश्मीर से सेना हटाई जाए. मैं इससे सहमत हूं कि ये सही समय नहीं है. हम तो ये बात पहले से कह रहे हैं कि स्थिति सामान्य नहीं है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने वाइस प्रेसिडेंट अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर में जी-20 बैठक यहां के हालात को छिपाने के लिए की जा रही है, लेकिन स्थानीय लोग सच जानते हैं. उन्होंने दावा किया कि हमें जहां जाने के लिए पहले पांच मिनट लगते तो अब वहां जाने के लिए 40 मिनट लग रहे हैं. इस कारण छात्र, कर्मचारी और मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी रविवार (4 मई) को कहा था कि हमें इलेक्शन की जरूरत है क्योंकि कुछ अफसर और एलजी यहां के पूरा प्रशासन नहीं देख सकते. लोकतंत्र चुनी हुई सरकार में ही संभव है.
कांग्रेस का क्या कहना है?
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सोमवार (5 जून) को विकार रसूल ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव नहीं कराकर उसने अघोषित आपातकाल लगाया हुआ है. हम मानते हैं कि पंचायत, डीडीसी और बीडीसी से लेकर हर स्तर पर चुनाव होने चाहिए. बता दें कि जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त 2019 में 370 हटाई गई थी. इसके बाद से यहां इलेक्शन नहीं हो सका है.