नईदिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर चल रही सियासी खींचतान रुकने का नाम नहीं ले रही है. विपक्ष को निमंत्रण न भेजने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कर्नाटक में इस पर नई राजनीति शुरू हो गई है. दरअसल, यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार (1 जनवरी) को आरोप लगाया कि राज्य में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार 1992 में हुए बाबरी मस्जिद के विध्वंस से संबंधित पुराने मामलों को फिर से खोल रही है.यह कार्रवाई 22 जनवरी को मंदिर के उद्घाटन से पहले जानबूझकर की जा रही है. बीजेपी ने बताया कि 31 साल पहले राम मंदिर आंदोलन में भाग लेने वाले हुबली के दो बीजेपी कार्यकर्ताओं को लंबित मामलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.
लगाए हिंदू कार्यकर्ताओं को परेशान करने के आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने रविवार को जिन दो आरोपियों को अब गिरफ्तार किया है, उनकी उम्र अब साठ साल हो चुकी है. मीडिया से बात करते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस 31 साल पहले अयोध्या में आंदोलन के दौरान हुए हंगामे से संबंधित मामलों को फिर से खोलकर हिंदू कार्यकर्ताओं को आतंकित कर रही है. अशोक के मुताबिक गिरफ्तार लोगों पर उपद्रव के दौरान पथराव करने का आरोप लगाया गया है.
बीजेपी ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
अशोक ने आगे कहा, “यहां तक कि मैंने और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी उस आंदोलन में भाग लिया था. क्या आपमें मुझे और येदियुरप्पा को गिरफ्तार करने का साहस है?” अशोक ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उसने प्रतिशोध की राजनीति अपनाई तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और भाजपा उग्र आंदोलन करेगी. गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्होंने आश्चर्य जताया कि घटना के 31 साल बाद भी कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पुराने मामलों को क्यों खंगाल रही है. उन्होंने कहा “यह कांग्रेस के लिए शर्म की बात है. इससे पता चलता है कि आप टीपू संस्कृति को कर्नाटक में कैसे लाना चाहते हैं.
पुलिस ने कहा नियमित कार्रवाई
वहीं इस मामले में हुबली-धारवाड़ पुलिस आयुक्त रेणुका के सुकुमार ने कहा कि यह पुलिर की नियमित कार्रवाई है. कई बार आरोपी लंबे समय तक फरार रहते हैं. ऐसे मामलों में जांच जारी रहती है और पुलिस आरोपियों की तलाश में रहती है. इस केस में भी ऐसा ही हुआ. पुलिस को जब इन दोनों का सुराग मिला तो इन्हें गिरफ्तार किया गया.