नईदिल्ली : भारतीय टीम मैनेजमेंट की वर्कलोड रणनीति पर निशाना साधे हुए पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट में जसप्रीत बुमराह को आराम दिए जाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान बने स्टार गेंदबाज बुमराह को पिछले महीने बेन स्टोक्स की टीम के खिलाफ रांची में हुए मुकाबले की अगुवाई में टेस्ट टीम से रिलीज कर दिया गया था.
बीसीसीआई का ये फैसला थोड़ा चौंकाने वाला था क्योंकि भारतीय टीम पहले से ही विराट कोहली, मोहम्मद शमी और केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों के बिना खेल रही थी. गावस्कर ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के चौथे मैच में बुमराह को ना खिलाने के फैसले के बारे में भी खुलकर बात की. गावस्कर ने कहा, “राजकोट में तीसरे टेस्ट की पहली पारी में सिर्फ 15 ओवर और फिर दूसरी पारी में आठ ओवर फेंकने के बावजूद, संभवतः ट्रेनर की सिफारिश पर बुमराह को रांची के लिए आराम दिया गया था.”
उन्होंने कहा “मत भूलो कि दूसरे टेस्ट और तीसरे टेस्ट मैच के बीच नौ दिन का ब्रेक था और फिर पूरे खेल में 23 ओवर गेंदबाजी करना बिल्कुल भी थका देने वाला नहीं है, तो फिर बुमराह को आराम क्यों दिया गया? चौथे टेस्ट के बाद अंतिम टेस्ट मैच से पहले आठ दिन का और ब्रेक मिलने वाला था; बेहद फिट एथलीटों को ठीक होने और देश के लिए खेलने के लिए तैयार होने के लिए पर्याप्त समय.”पूर्व बल्लेबाज ने कहा, “चौथा टेस्ट भी एक महत्वपूर्ण मैच था, अगर इंग्लैंड ने उसे जीत लिया होता, तो आखिरी टेस्ट निर्णायक होता. इसलिए, चाहे वह एनसीए हो या बुमराह जिसने भी ये फैसला लिया, वो भारतीय टीम के हित में नहीं था.”
हालांकि गावस्कर ने बुमराह की गैरमौजूदगी में टेस्ट डेब्यू करने वाले बंगाल के तेज गेंदबाज आकाश दीप की तारीफ की. उन्होंने कहा, “युवा आकाश दीप ने बुमराह की गैरमौजूदगी की भरपाई करने के लिए शानदार गेंदबाजी की, एक बार फिर दिखाया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बड़े नाम नहीं खेलते हैं, ऐसे युवा खिलाड़ी जरूर होंगे जो मौका पाकर बहुत खुश होंगे और जैसा कि कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था, भारत के लिए खेलने को भूखे रहो और अपने देश के लिए खेलने के सम्मान और विशेषाधिकार के लिए कोई भी कठिनाई सहने को तैयार रहो.”