छत्तीसगढ़

कोविड के दौरान टीकाकरण रुकने से देशों में बढ़ रहा है पोलियो का प्रकोप, विशेषज्ञ ने दी जानकारी

नईदिल्ली I कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से टीकाकरण अभियान ठप पड़ जाने के कारण इस साल अमेरिका, ब्रिटेन और मोजाम्बिक जैसे देशों में पोलियो के नए मामले सामने आए हैं. लंदन के एक हिस्से में गंदे पानी में और कुछ महीने पहले न्यूयॉर्क में पोलियो का वायरस पाया गया. मोजाम्बिक में मई और इस साल फरवरी में मलावी में जंगली पोलियो वायरस का मामला सामने आया था.

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की पोलियो टीम में प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और एनालिटिक्स के उप निदेशक डॉ. आनंद शंकर बंद्योपाध्याय ने कहा कि पोलियो वायरस का पता चलना यह भी याद दिलाता है कि अगर यह दुनिया में कहीं भी मौजूद है तो यह सभी के लिए खतरा बना हुआ है.

धीमा टीकाकरण दर बढ़ते पोलियो की वजह 

बंद्योपाध्याय ने कहा पोलियो का कोई भी मामला मिलना धीमे टीकाकरण दर का नतीजा है. यदि टीकाकरण उसी दर से होता तो पोलियो के मामले सामने नहीं आते. जब 2020 में कोविड-19 महामारी फैली तो समुदायों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए चार महीने पोलियो अभियान रोका गया था. इसके कारण ही देशों में पोलियो वायरस फैल गया. साथ ही उन्होंने कहा कि यह साफ है कि कोविड महामारी का दुनियाभर में टीकाकरण दरों पर नकारात्मक असर पड़ा. हालांकि, गलत सूचना, टीकाकरण में आनाकानी और प्रत्येक समुदाय तक पोलियो की खुराक पिलाना जैसी अन्य चुनौतियां भी रही हैं.

90 के दशक में आया था पोलियो का आखिरी मामला

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक एजेंसी वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (जीपीईआई) की वेबसाइट के अनुसार, जंगली पोलियो वायरस का आखिरी मामला अमेरिका और ब्रिटेन में क्रमश: 1979 और 1982 में आया था जबकि मलावी और मोजाम्बिक में यह आखिरी बार 1992 में सामने आया था. अमेरिका और ब्रिटेन के प्रशासन द्वारा पोलियो बीमारी की लड़ाई में बंद्योपाध्याय ने बताया कि वहां प्राधिकारी उचित तरीके से निपट रहे हैं. उन्होंने जोखिम की श्रेणी में आने वाले लोगों के लिए तत्काल टीकाकरण अभियान शुरू किया है और बीमारी पर नजर रखने की व्यवस्था को गति दी है. बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘‘पोलियो मुक्त देश, इस बीमारी के वैश्विक उन्मूलन तक पोलियो जोखिम मुक्त नहीं हैं.’’

पोलियो की लड़ाई में भारत को मिली सफलता

बंद्योपाध्याय ने पोलियो के खिलाफ भारत की सफलता को वैश्विक स्वास्थ्य की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया. उन्होंने कहा कि कई लोगों को यह लगता था कि यह देश इस बीमारी को रोकने वाला आखिरी देश होगा क्योंकि यह भोगौलिक रूप से चुनौतीपूर्ण देश है. भारत के पोलियो उन्मूलन और खसरा निगरानी पहलों में योगदान दे चुके बंद्योपाध्याय ने कहा कि भारत सरकार को पोलियो के खिलाफ उच्च टीकाकरण दर बनाए रखनी चाहिए. गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2014 में भारत के साथ दक्षिण पूर्वी एशिया के 10 अन्य देशों को पोलियो मुक्त घोषित किया था.