छत्तीसगढ़

MS Dhoni ने किया IPS अधिकारी पर मुकदमा, अदालती फैसले के खिलाफ बयान पर उठाया कदम

नईदिल्ली I 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी कांड ने पूरे भारतीय क्रिकेट को हिलाकर रख दिया था. इस मामले में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स भी फंसी थी क्योंकि उसके कुछ अधिकारी सट्टेबाजी के दोषी पाए गए थे. ये मामला भले ही अब बीती बात हो चुकी है लेकिन एक बार फिर ये चर्चा में आ गया है क्योंकि धोनी ने इस मामले में बयानबाजी के लिए एक आईपीएस अधिकारी के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान और पूर्व दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज धोनी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट, मद्रास हाई कोर्ट और कुछ वरिष्ठ वकीलों के खिलाफ कथित बयान देने के लिए आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने और उन्हें समन जारी करने के लिए हाई कोर्ट में अपील की है. अदालत ने शुक्रवार को इस मामले को सूचीबद्ध कर दिया था लेकिन फिलहाल इस पर सुनवाई नहीं हो पाई.

2014 में कोर्ट ने लगाई थी बयानबाजी पर रोक

एक रिपोर्ट के मुताबिक, धोनी ने 2014 में तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (IG) संपत कुमार को मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग में उनसे (धोनी) जुड़ा कोई भी बयान देने से रोक लगाने के लिए दीवानी मुकदमा दायर किया था. उन्होंने अदालत से हर्जाने के तौर पर 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया था. तब अदालत ने 18 मार्च 2014 को अंतरिम आदेश पारित करके संपत कुमार पर धोनी के खिलाफ किसी भी तरह का बयान देने से रोक लगा दी थी.

IPS अधिकारी ने लगाए आरोप

इसके बावजूद संपत कुमार ने कथित तौर पर उच्चतम न्यायालय के पास हलफनामा दायर किया जिसमें न्यायपालिका और इस मामले में उनके खिलाफ राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, संपत ने कथित तौर पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस मुद्गल कमेटी के कुछ हिस्सों को सीलबंद रखने का फैसला किया था और उसे स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम को उपलब्ध नहीं कराया गया था.

क्या था स्पॉट फिक्सिंग-सट्टेबाजी मामला?

2013 में मैच फिक्सिंग विवाद सामने आया था, जिसमें राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी, एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे. इसकी जांच के बाद सट्टेबाजी की बातें भी सामने आई थीं, जिसमें राजस्थान के तत्कालीन सहमालिक राज कुंद्रा और चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को दोषी पाया गया था. इन मामलों का स्वतंत्र जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस मुद्गल के नेतृत्व में कमेटी बनाई थी, जिसकी सिफारिश के बाद राजस्थान और चेन्नई को दो-दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया था.