छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ः लकड़ी ड्रिल करने वाले औजार से छेद दिया गला, दरवाजे पर खून से लथपथ मिली लाश; टेंट हाउस में काम करता था युवक

जशपुर। जिले में एक व्यक्ति की लकड़ी ड्रिल करने वाले औजार से गला छेदकर बेरहमी से हत्या कर दी गई है। घटना की जानकारी मंगलवार को उस वक्त हुई, जब मृतक की मां ने बेटे के शव को लहूलुहान हालत में घर के बाहर पड़ा हुआ देखा। उसने तुरंत परिजनों को बुलाया। इसके बाद पुलिस को हत्या की सूचना दी गई। मामला सिटी कोतवाली जशपुर के बरटोली मुहल्ले का है।

एसपी डी रविशंकर ने बताया कि मृत युवक का नाम आशीष भगत (34 वर्ष) है। वह टेंट हाउस में मजदूरी करता था। उन्होंने कहा कि शव के गले पर छेद करने के निशान हैं। पास में ही लकड़ी ड्रिल करने का औजार मिला है, जिससे वारदात को अंजाम दिया गया। शव खून से लथपथ हालत में मिला। एसपी ने बताया कि घटनास्थल पर मिले सबूत के आधार पर ऐसा लग रहा है कि आरोपी ने युवक पर घर के अंदर हमला किया है। दरवाजे के बिल्कुल पास में ढेर सारा खून मिला है। हैरानी की बात यह है कि मृतक का शव घर से बाहर एक कंबल में रखा हुआ बरामद हुआ है।

वहीं मृतक आशीष की मां ने बताया कि उसने अपने बेटे को सोमवार की रात लगभग 8 बजे देखा था। उस वक्त वह शराब के नशे में धुत्त था और उससे झगड़ा कर रहा था। जिसके बाद वह बेटे को उसी हालत में छोड़कर दूसरे घर में सोने चली गई थी। दूसरे दिन जब वह लौटी तो, आशीष को दरवाजे के बाहर गिरे हुए देखा। पास जाने पर पता चला कि उसकी हत्या हो गई है और वह पूरी तरह से लहूलुहान था। इसकी सूचना उसने परिजनों और पड़ोसियों को दी। फिलहाल पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

घटनास्थल पर भीड़।

घटनास्थल पर भीड़।

वहीं जांच में पुलिस डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ले रही है। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का अपराध पंजीबद्ध किया है। परिवारवालों और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के लिए मुखबिरों को भी एक्टिव कर दिया है। पुलिस का कहना है कि हत्या किसी जान-पहचान के व्यक्ति द्वारा अंजाम दिए जाने की ही आशंका है।

मौके पर जमा आसपास के लोग।

मौके पर जमा आसपास के लोग।

दो बहनों का इकलौता भाई था मृतक

मृतक आशीष भगत दो बहनों का इकलौता भाई था। उसकी हत्या हो जाने से वृद्ध माता-पिता का सहारा छिन गया है। मृतक की मां मुन्नी देवी ने बताया कि आशीष उन लोगों से अलग सब्जी की बाड़ी में बने दो कमरे के कच्चे मकान में रहा करता था। आसपास दूसरा घर नहीं होने की वजह से किसी को हत्या की जानकारी नहीं हो पाई। आशीष की शादी अभी तक नहीं हुई थी।