छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : 2 साल की बहन को बचाया..अब मिलेगा बाल वीरता पुरस्कार, तेज बहाव में डूबने से बचा लाई थी तीसरी की छात्रा, मां-बाप बोले-हमें गर्व है

कांकेर I कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर ब्लॉक के भानबेड़ा की रहने वाली 8 साल की बच्ची जांबवती भुआर्य को बाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 26 दिसंबर को बाल वीरता दिवस पर राजधानी रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुइया उइके जांबवती को सम्मानित करेंगी।

26 दिसंबर को राजभवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें साहसी बच्चों को बाल वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। भानुप्रतापपुर के दूरस्थ इलाके भानबेड़ा गांव के नदियापारा की रहने वाली जांबवती भुआर्य ने अपनी 2 साल की बहन को नदी में डूबने से बचाया था। वो नदी की तेज लहर से बच्ची को बचा लाई थी।

4 सितंबर को जांबवती अपनी 2 साल की बहन मोसिका के साथ अपनी अपनी मां धनेश्वरी को ढूंढते-ढूंढते नदी के पास जा पहुंची थी। इनकी मां नदी के दूसरे छोर पर मजदूरी करने के लिए गई हुई थी। मां की तलाश में दोनों बहनें एनीकेट से नदी पार करने लगीं, तभी दोनों बच्चों का पैर फिसल गया और वे नदी में जा गिरे। नदी में जमा कचरे और झाड़ियों में दोनों बहनें फंस गईं, लेकिन फिर पानी का बहाव तेज होने के कारण दोनों बहने लगीं।

बड़ी बहन जांबवती ने झाड़ियों को एक हाथ से पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से वो छोटी बहन का हाथ भी थामे रही। आधे घंटे तक दोनों बच्चियां इसी तरह संघर्ष करती रहीं, लेकिन तेज बहाव के बावजूद बड़ी बहन ने छोटी बहन का हाथ नहीं छोड़ा। छोटी बहन के पेट में भी काफी पानी चला गया था। दोनों बच्चों के रोने की आवाज सुनकर उसकी मां और आसपास काम कर रहे लोग मौके पर पहुंच गए और दोनों बच्चियों को बाहर निकाला। इस बीच छोटी बहन बेहोश हो गई थी।

दोनों बच्चियों को अस्पताल ले जाया गया। रास्ते में गांव के सरपंच जागेश्वर सिंह नरेटी भी मिल गए, जिनकी सहायता से उन्हें जल्द इलाज मिला। काफी देर तक छोटी बहन के शरीर में कोई हलचल नहीं थी, लेकिन डॉक्टरों ने उसके शरीर से पानी निकाला। समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई। इस घटना के बाद सभी ने जांबवती के साहस की जमकर तारीफ की। 8 साल की उम्र में जब कोई बच्चा पानी के तेज बहाव को देखकर घबरा जाता या खुद को बचाने की कोशिश करता या डरकर सही फैसला नहीं ले पाता, जब छोटी सी जांबवती ने अपनी 2 साल की छोटी बहन का हाथ विपरीत परिस्थिति में भी नहीं छोड़ा, जिसकी वजह से उसकी जान बच गई।

मां-बाप बोले-हमें गर्व है

जांबवती बेहद गरीब परिवार की बेटी है। उसके माता-पिता मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं। गरीब परिवार की बेटी के हौसले ने उसे प्रदेश स्तर पर पहचान दिलाई है। माता-पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर बहुत गर्व है। परिजनों ने बताया कि जांबवती कक्षा-3 की छात्रा है। वो भानबेड़ा प्राथमिक शाला में पढ़ाई करती है।