छत्तीसगढ़

मोहम्‍मद शमी गुस्‍से में मेरे पास आए और कहा- मैं क्रिकेट छोड़ना चाहता हूं, पूर्व कोच ने किया बड़ा खुलासा

नई दिल्‍ली । साल 2018 की बात है, भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्‍मद शमी इंग्‍लैंड दौरे से पहले यो-यो टेस्‍ट में फेल हो गए थे। शमी को शायद ही पता था कि यो-यो टेस्‍ट में फेल होना उनके अंतरराष्‍ट्रीय करियर का टर्निंग प्‍वाइंट साबित होगा।

वैसे, तब शमी निजी जिंदगी में परेशान चल रहे थे और इस कारण क्रिकेट छोड़ने को तैयार भी हो गए थे। तो फिर क्‍या बदलाव आया और कैसे शमी ने शानदार वापसी की? भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने खुलासा किया कि शमी की इंग्‍लैंड दौरे पर जाने से पहले पूर्व हेड कोच रवि शास्‍त्री से बातचीत हुई, जिससे उनकी जिंदगी में बदलाव आ गया।

शमी ने कही अपनी दिल की बात

रवि शास्‍त्री से खुलकर बातचीत करते हुए शमी ने निजी कारणों से क्रिकेट छोड़ने की इच्‍छा जताई थी। बता दें कि 2018 दौरे पर फिटनेस की समस्‍या से जूझने से पहले शमी को चोट के कारण कई मुश्किलें झेलनी पड़ी थी। क्रिकबज से बातचीत करते हुए अरुण ने कहा, ‘2018 में इंग्‍लैंड दौरे से ठीक पहले हमने फिटनेस टेस्‍ट रखा, जिसमें शमी फेल हो गए। वो भारतीय टीम से अपनी जगह गंवा चुके थे। उन्‍होंने मुझे फोन किया और कहा कि मैं आपसे कुछ बात करना चाहता हूं।’

शास्‍त्री से शमी की मुलाकात

अरुण ने आगे कहा, ‘मैंने शमी को अपने कमरे में आमंत्रित किया। वो निजी जिंदगी में काफी उलझा हुआ था। उसकी फिटनेस खराब थी, मानसिक रूप से वो परेशान था। वो मेरे पास आया और कहा- मैं बहुत गुस्‍सा हूं और क्रिकेट छोड़ना चाहता हूं। मैं तुरंत उसे रवि शास्‍त्री से मिलाने ले गया। हम दोनों उनके कमरे में गए और मैंने कहा- रवि, शमी आपसे कुछ कहना चाहता है। रवि ने पूछा कि क्‍या हुआ तो शमी ने कहा कि वो क्रिकेट छोड़ना चाहता है। हम दोनों ने उससे पूछा- अगर क्रिकेट नहीं खेलोगे तो क्‍या करोगे? तुम और क्‍या करोगे? आप जानते हो जब गेंद मिले तो कैसे गेंदबाजी की जाती है।’

काम आई शास्‍त्री की सलाह

भारतीय टीम से बाहर हुए शमी की जगह नवदीप सैनी को शामिल किया गया था, जो उस समय अनकैप्‍ड थे। हेड कोच शास्‍त्री ने शमी को अपने दर्द को शक्ति में बदलने का आग्रह किया और तेज गेंदबाज को एनसीए में चार सप्‍ताह बिताने के लिए प्रोत्‍साहित किया। घर जाने के बजाय शमी एनसीए गए। शास्‍त्री का यह फैसला शमी के लिए वरदान साबित हुआ।

एनसीए में बिताया समय

अरुण ने कहा, ‘रवि ने कहा कि अच्‍छा है, तुम गुस्‍सा हो। यह तुम्‍हारे लिए सबसे अच्‍छी चीज है क्‍योंकि तुम्‍हारे हाथ में गेंद है। तुम्‍हारी फिटनेस खराब है। तुम्‍हारे अंदर जो भी गुस्‍सा है, उसे अपने शरीर पर निकालो। हम तुम्‍हें चार सप्‍ताह के लिए एनसीए भेज रहे हैं और चाहते हैं कि तुम वहीं रुको। तुम घर नहीं जा रहे हो, यहां से सीधा एनसीए जाओगे। यह शमी को भी रास आया क्‍योंकि कोलकाता में उसे जाने में दिक्‍कत थी और इसलिए उसने एनसीए में 5 सप्‍ताह बिताए।’

स्‍टैलियन बन गए शमी

अरुण ने आगे कहा, ‘मुझे अब भी याद है कि शमी ने मुझे फोन करके कहा, ‘सर, मैं स्‍टैलियन बन गया हूं। आप जितना चाहे, मुझे दौड़ा सकते हैं। एनसीए में बिताए 5 सप्‍ताह से शमी को एहसास हुआ कि फिटनेस पर काम करने से उन्‍हें क्‍या मिल सकता है।’ शमी की 2018 में इंग्‍लैंड के खिलाफ सीरीज में वापसी हुई। तब वो भारत के दूसरे सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने।