छत्तीसगढ़

BBC को भी मानना ही होगा भारत का कानून, छापेमारी के मुद्दे पर ब्रिटिश विदेश मंत्री को जयशंकर की दो टूक

नई दिल्ली: ब्रिटेन के विदेश मंत्री को भारत में बीबीसी पर कार्रवाई पर सवाल उठाने पर तगड़ा जवाब मिल गया है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन्हें दो टूक लहजे में कह दिया है कि भारत में जो भी संस्था काम करेगी, उसे देश का कानून मानना ही होगा, चाहे वह कोई भी हो।

सूत्रों के मुताबिक, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने बीबीसी टैक्स से जुड़ा मुद्दा विदेश मंत्री एस. जयशंकर के सामने उठाया। इस पर जयशंकर ने कहा कि भारत में काम करने वाली हर संस्था को कानूनों का पूरा पालन करना ही होगा। जयशंकर ने बीबीसी टैक्स के मुद्दे पर ब्रिटेन के नेता से दृढ़ता से कहा कि भारत में काम करने वाली सभी संस्थाओं को प्रासंगिक कानूनों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।

बीबीसी दफ्तरों की हुई थी तलाशी

बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों की इनकम टैक्स के अधिकारियों ने तलाशी ली थी। 14 फरवरी को शुरू हुआ सर्वे अभियान तीन दिनों तक चला था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया है कि बीबीसी ने इंटरनैशनल टैक्स में घपला किया है। बीबीसी पर इस कार्रवाई का मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी उठा था। तब ब्रिटेन की सरकार और विपक्षी लेबर पार्टी ने बीबीसी का बचाव करते हुए इनकम टैक्स सर्वे पर चिंता जाहिर की थी। भारत में हुए ऐक्शन को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए जिनका विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) के लिए ब्रिटेन के संसदीय अवर सचिव डेविड रटली ने जवाब दिया। डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (DUP) के जिम शैनन ने ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय से मांग की थी कि वो इस मुद्दे से भारत से सवाल-जवाब करे।

डॉक्युमेंट्री से मचा था हंगामा

इनकम टैक्स सर्वे से पहले बीबीसी ने 2002 गुजरात दंगों पर एक डॉक्युमेंट्री रिलीज की थी। बीजेपी ने इसे भारत के खिलाफ दुष्प्चार करार दिया। India: The Modi Question नाम से जारी इस डॉक्युमेंट्री पर भारत में पाबंदी लगा दी गई। विपक्षी दलों और कई संस्थाओं ने भारत सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और वहां भी सुनवाई हुई। तभी 14 फरवरी को बीबीसी के ऑफिसों में इनकम टैक्स सर्वे शुरू हो गया। अब भारत दौरे पर आए ब्रिटिश विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने भी यह मुद्दा उठा दिया। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री ने उन्हें बेहिचक कह दिया कि बीबीसी हो या कोई और संस्था, जिसे भी भारत में काम करना है, उसे यहां का कानून पूरी तरह मानना होगा।