छत्तीसगढ़

ओवरब्रिज के पिलर और स्लैब के बीच फंसे बच्चे की मौत; 29 घंटे की मशक्कत के बाद किया गया था रेस्क्यू

रोहतास : सोन नदी के ऊपर बने नसरीगंज-दाऊदनगर पुल के एक नंबर पिलर और स्लैब के बीच फंसे 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई है। उसे करीब 29 घंटे बाद रेस्क्यू किया गया था। इसके बाद उसे इलाज के लिए सासाराम के सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इससे पहले बुधवार की शाम से शुरू हुआ बचाव कार्य से बच्चे को नहीं निकाला जा सका था। गुरुवार सुबह फिर से बच्चे को रेस्क्यू करने की कोशिश हुई। एसडीआरएफ की टीम ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ मौके पर पहुंची थी। इसके बाद बुलडोजर की मदद से पुल को ऊपर के स्लैब केा तोड़कर बच्चे तक पहुंचने की कोशिश की गई। काफी मशक्कत के बाद NDRF की टीम ने बच्चे का रेस्क्यू किया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

बिक्रमगंज एसडीएम बोले- बच्चे की हालत सामान्य नहीं
बिक्रमगंज एसडीएम उपेन्द्र पाल ने कहा कि बच्चे को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल सासाराम भेजा गया है। बच्चे को सफलतापूर्वक बाहर निकालने में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम ने अहम भूमिका निभाई है। बच्चे की स्थिति फ़िलहाल सामान्य नहीं है। वहीं थानाध्यक्ष सुधीर कुमार का कहना है कि बच्चा दो दिन से लापता था। परिजनों के द्वारा बच्चे की खोजबीन की जा रही थी, तभी रास्ते से गुजर रही एक महिला ने बच्चे के रोने की आवाज सुन लोगों को सूचना दी गई। जिसके बाद घटनास्थल पर टीम पहुंची और बचाव कार्य में जुट गई। कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाल लिया गया।

सकुशल बाहर निकलने की राह देख रहे थे बच्चा के पिता
जिंदगी और मौत से लड़ रहे 11 वर्षीय बच्चा खिरिआवं गांव निवासी शत्रुध्न प्रसाद उर्फ भोला का पुत्र रंजन कुमार है। वह पिछले दो दिन से लापता था। बच्चा मानसिक रूप से कमजोर है। परिजन लगातार इधर-उधर उसकी तलाश कर रहे थे। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने रस्सी और सीढ़ी के सहारे बच्चे तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहे। करीब 29 घंटे बाद जब बच्चा बाहर निकाल लिया गया तो पिता की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि भगवान का शुक्र है कि उनके बच्चे को बचा लिया गया। 

रेस्क्यू टीम के साथ पदाधिकारी और पुलिसबल मौजूद 
घटनास्थल पर नसरीगंज बीडीओ मो. जफ़र इमाम, सीओ अमित कुमार, थानाध्यक्ष सुधीर कुमार, समेत भारी संख्या में पुलिस बल व ग्रामीण उपस्थित है। एसडीएम उपेंद्र पाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और अधिकारियों को शीघ्र रेस्क्यू करने का निर्देश दिया था।