छत्तीसगढ़

चुनाव से पहले राजस्थान में सियासी उठापटक जारी, चूरू सांसद राहुल कस्वां ने बीजेपी को कहा गुडबाय, कांग्रेस में ली एंट्री

चूरू. सियासी दलों के नेताओं का लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने से पहले पाला बदलने का सिलसिला लगातार जारी है. ताजा मामला चूरू सांसद राहुल कस्वां का है जिन्होंन आज बीजेपी को गुडबाय बोल दिया और कांग्रेस का हाथ थाम लिया. लोकसभा चुनाव के लिए BJP ने जहां पहली लिस्ट में 195 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. वहीं, कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट में 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. चूरू सीट पर बीजेपी का टिकट कटने से नाराज राहुल कस्वां ने आज बीजेपी का साथ छोड़ कर कांग्रेस के हाथ को थाम लिया. बता दें कि राजस्थान में बीजेपी ने 25 में से 15 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं.

राहुल कस्वां ने दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर कांग्रेस पार्टी जॉइन की. इस मौके पर राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंघावा,पीसीस चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान विधानसबा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी मौजूद थे. उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस चूरू से राहुल कस्वां को टिकट देने की तैयारी में है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस की अगली लिस्ट में राहुल कस्वां का नाम शामिल हो.

राजस्थान में बीजेपी प्रत्याशियों की पहली सूची सामने आने के बाद जिन सासदों के टिकट काटे गए थे उनमें चूरू सांसद राहुल कस्वां सबसे ज्यादा मुखर थे. बता दें कि राहुल कस्वां चूरू से लोकसभा में बीजेपी के सांसद हैं. वर्ष 2014 और 2019 में लगातार राहुल कस्वां ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की है. इस बार भाजपा ने राहुल कस्वां का टिकट काट कर पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया को प्रत्याशी घोषित किया है. टिकट कटने से राहुल कस्वां खासे नाराज थे. उन्होंने सोशल मीडिया पर भड़ास निकालते हुए अपनी ही पार्टी के नेताओं पर भी सवाल उठाए थे.

चूरू भाजपा से टिकट कटने के बाद से नाराज चल रहे सांसद राहुल कस्वा ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.कस्वां ने लिखा राम -राम मेरे चूरू लोकसभा परिवार…मेरे परिवारजनों! आप सब की भावनाओ के अनुरूप,में सार्वजनिक जीवन का एक बड़ा फैसला लेने जा रहा हूं. राजनीतिक कारणों के चलते आज इसी समय,में भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व संसद सदस्य पद से इस्तीफा दे रहा हूं. समस्त भारतीय जनता पार्टी,राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह का आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने मुझे 10 वर्षो तक चूरू लोकसभा परिवार की सेवा करने का अवसर दिया.विशेष आभार मेरे चूरू लोकसभा परिवार का, जिन्होंने मुझे सदैव बहुमूल्य साथ,सहयोग और आशीर्वाद दिया.

टिकट कटने के बाद पूछा था मेरा गुनाह क्या ? : राहुल कस्वां ने ट्वीट किया था,”आखिर मेरा गुनाह क्या था…? क्या मैं ईमानदार नहीं था ? क्या मैं मेहनती नहीं था ? क्या मैं निष्ठावान नहीं था ? क्या मैं दागदार था ? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी ? मा. प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था.ओर क्या चाहिए था ?जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा,सभी निरुत्तर और निःशब्द रहे. कोई इसका उत्तर नहीं दे पा रहा. शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं..”

राहुल कस्वां ने मांगा था दो दिन का समय : शुक्रवार को चूरू जिले के राजगढ़ स्थित अपने आवास पर राहुल कस्वां शक्ति प्रदर्शन किया था और पार्टी को बागी तेवर दिखाए थे. उनकी रैली के बाद से कयास थे कि वे चूरू से भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. राहुल कस्वां ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा था कि आगे की डगर मुश्किल है, हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, क्या आप उसके लिए तैयार हैं? राहुल ने कहा था कि आपका फैसला मुझे पता लग गया है. मुझे दो दिन का टाइम दो, मैं वादा करता हूं कि आपकी इच्छा पूरी करूंगा. अब यह दो दिन का समय भी सोमवार को पूरा हो गया.

हार जीत के लिए नहीं लड़ा चुनाव: राहुल कस्‍वां ने कहा था कि हमारा परिवार 1977 से राजनीति में है. 33 साल पहले भैरोंसिंह शेखावत ने मेरे पिता को संसद में जाने का अवसर दिया, जबकि पहले वे सिर्फ सरपंच थे. हमने हार-जीत के लिए चुनाव नहीं लड़े, बल्कि जनता के काम करवाने, सुख-दुख में साथ देने और विकास के लिए लड़े.