छत्तीसगढ़

हेट स्पीच: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार पर खड़े किए सवाल, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

नईदिल्ली I हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वह हेट स्पीच को रोकने के लिए लॉ कमीशन की सिफारिशों को लागू करना चाहते हैं या नहीं. जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने सरकार को दो हफ्तों का समय दिया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 23 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा. दरअसल कुछ दिनों पहले इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. चुनाव आयोग ने कहा था कि हेट स्पीच को लेकर स्पष्ट कानून नहीं है. आयोग ने कहा कि मौजूदा कानून समुचित नहीं है. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था.

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के सामने असमर्थता जाहिर करते हुए कहा था कि अगर कोई पार्टी या उसके सदस्य अभद्र भाषा में लिप्त होते हैं तो उसके बाद किसी राजनीतिक दल की मान्यता वापस लेने या उसके सदस्यों को अयोग्य घोषित करने का कानूनी अधिकार नहीं है.

उत्तराखंड सरकार पर उठाए सवाल

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार पर भी सवाल उठाए. कोर्ट ने राज्य सरकार ने सवाल किया कि जब धर्म संसद होने जा रही थी तो आपने क्या कार्रवाई की? क्या आपने इसे रोका? इस पर उत्तराखंड सरकार ने जवाब दिया कि हमने धारा 144 लगाई. इसमें 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है और राज्य सरकार की कार्रवाई अभी भी जारी है.

दरअसल पिछले साल दिसंबर (17-19 दिसंबर) में हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय धर्म संसद में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी पर हेट स्पीच देने का आरोप है. भाषण के वायरल होने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने 13 जनवरी को उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को गिरफ्तार कर लिया था. पिछले साल दिसंबर में हेट स्पीच मामले में यह पहली गिरफ्तारी थी. इसके बाद 12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र त्यागी को नियमित जमानत दे दी थी. महीनों पहले उन्होंने मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया था.

वहीं जस्टिस जोसेफ ने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोई भी धर्म हिंसा का प्रचार करता है. सजा में से एक यह होनी चाहिए कि वह एक मॉडल बन जाए. कोशिश करनी चाहिए कि विशाखा गाइडलाइन की तरह सीमाओं के भीतर हम जो कर सकते हैं वह करें. असली समस्या संस्थाएं हैं धर्म क्या है यह मत देखिए.सरकार को इसका जवाब देना होगा.