
नई दिल्ली। भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसको देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्यों को जरूरी तैयारियां करने को कहा है। इनमें ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है।
क्या हुआ है अब तक?
स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में 2 और 3 जून को कई तकनीकी समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों में आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, आपातकालीन प्रबंधन प्रतिक्रिया (ईएमआर), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और दिल्ली के केंद्र सरकार के अस्पतालों के साथ सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
आईएलआई और एसएआरआई की निगरानी कर रहीं टीमें
सूत्रों के मुताबिक, आईएसडीपी के तहत राज्य और जिला स्तर की निगरानी टीमें इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) पर करीब से नजर रख रही है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि दिशानिर्देशों के अनुसार सभी भर्ती किए गए एसएआरआई मरीजों की जांच करना अनिवार्य है और आईएलआई मामलों में से 5 फीसदी की जांच की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, एसएआरआई के पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईसीएमआर के वीआरडीएल नेटवर्क में भेजा जा रहा है।
देशभर में कोरोना के 4,302 सक्रिय मामले
4 जून तक देश में कोरोना के कुल 4,302 सक्रिय मामले दर्ज किए गए, जिनमें पिछले 24 घंटे में 864 नए मामले शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, ज्यादातर मामले हल्के लक्षणों वाले हैं और मरीजों का इलाज घर पर ही हो रहा है।
साल 2025 में 44 लोगों की हुई मौत
सूत्रों ने बताया कि 1 जनवरी से अब तक 44 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से ज्यादातर पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। 2 जून को ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणाली (जैसे पीएसए संयंत्र, एलएमओ टैंक और एमजीपीएस लाइनों) की जांच के लिए मॉक ड्रिल की गई। इसके अलावा, बुधवार और गुरुवार को अस्पताल स्तर पर तैयारियों की मॉक ड्रिल की योजना है।